हिन्दुस्तान मिरर न्यूज़ ✑ 20 मई : 2025
उत्तर प्रदेश में सौर ऊर्जा प्लांट लगाने के नाम पर कमीशन मांगने के गंभीर आरोपों के बीच, एसआईटी ने सोमवार को मुख्य आरोपी निकांत जैन के खिलाफ चार्जशीट दाखिल कर दी है। सौर ऊर्जा के कलपुर्जे बनाने वाली कंपनी की इकाई लगाने के लिए एक करोड़ रुपए रिश्वत लेने के आरोप में निकांत जैन पर यह चार्जशीट करीब 1600 पन्नों की है।
चार्जशीट में वादी विश्वजीत दत्ता ने निलंबित आईएएस अभिषेक प्रकाश का भी नाम लिया है। अभिषेक प्रकाश इन्वेस्ट यूपी के तत्कालीन सीईओ रह चुके हैं। वादी ने बताया है कि अभिषेक प्रकाश ने ही निकांत जैन से संपर्क के लिए अपना मोबाइल नंबर दिया था। इस कनेक्शन की पुष्टि के लिए एसआईटी साक्ष्य जुटा रही है और भविष्य में केस में और भी नाम जोड़े जा सकते हैं।
एसआईटी ने निकांत जैन के खिलाफ बिना कस्टडी रिमांड लिए ही आरोप पत्र दाखिल किया है। यह मामला भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत है, जिसमें आरोपित को 10 साल तक की सजा हो सकती है। कानून के अनुसार, ऐसी गंभीर मामलों में आरोपी जेल में होने पर पुलिस को 60 दिनों के भीतर चार्जशीट दाखिल करनी होती है।
विवेचक एसीपी विनय कुमार ने निकांत की गिरफ्तारी के लगभग 44 दिन बाद कस्टडी रिमांड की अर्जी कोर्ट में दी थी, जो कि निर्धारित समय सीमा से अधिक थी। भ्रष्टाचार निवारण के विशेष न्यायाधीश सत्येंद्र जैन ने इस अर्जी को खारिज कर दिया था। इस कारण निकांत से कस्टडी रिमांड पर पूछताछ संभव नहीं हो सकी।
चार्जशीट में वादी विश्वजीत दत्ता के साथ-साथ इन्वेस्ट यूपी के कई अधिकारी और कर्मचारी भी गवाह बनाए गए हैं। इन गवाहों के बयानों के आधार पर एसआईटी ने एफआईआर में दर्ज आरोपों और पूरे घटनाक्रम को चार्जशीट में मजबूती से पेश किया है।
एसआईटी ने अभिषेक प्रकाश से संपर्क करने के कई प्रयास किए लेकिन संपर्क स्थापित नहीं हो सका। जांच एजेंसी ने कहा है कि अभिषेक प्रकाश से फिर से संपर्क करने का प्रयास जारी रहेगा ताकि पूरे मामले की तह तक पहुंचा जा सके।