हिन्दुस्तान मिरर न्यूज, 12-7-2025
अब व्यापारियों को अपने तौल यंत्रों जैसे कांटे, तराजू, बाट या धर्मकांटे का सत्यापन कराने के लिए विधिक माप विज्ञान (बाट-माप) विभाग के चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे। सात जुलाई 2025 से यह पूरी प्रक्रिया ऑनलाइन कर दी गई है। अब सत्यापन के लिए विभागीय पोर्टल www.legalmetrology-up.gov.in के माध्यम से आवेदन किया जा सकेगा। सत्यापन शुल्क का भुगतान भी ऑनलाइन होगा और प्रमाण पत्र भी डिजिटल रूप से जारी होंगे।
सत्यापन की प्रक्रिया हुई डिजिटल
अब व्यापारी अपने कांटे या तराजू के सत्यापन हेतु विभागीय पोर्टल पर लॉगिन कर आवेदन करेंगे। यह आवेदन वरिष्ठ निरीक्षक को भेजा जाएगा, जो शुल्क जमा करने की सिफारिश करेंगे। इसके बाद व्यापारी को एसएमएस के जरिए सूचना प्राप्त होगी। शुल्क का भुगतान ऑनलाइन करने के बाद उसकी रसीद पोर्टल पर अपलोड करनी होगी। इसके बाद सत्यापन की तिथि निर्धारित होगी। व्यापारी चाहें तो सत्यापन विभाग में जाकर करवा सकते हैं या अधिकृत एजेंट को बुलाकर दुकान या प्रतिष्ठान पर ही भौतिक सत्यापन करा सकते हैं।
छोटे से बड़े सभी कांटे होंगे शामिल
चाहे 20 किलो का परचून कांटा हो या टनों वजनी धर्मकांटा, सभी के लिए यह प्रक्रिया लागू होगी। 50 किलो से अधिक क्षमता वाले कांटे के लिए सत्यापन तिथि विभाग की टीम द्वारा दी जाएगी और टीम मौके पर जाकर जांच करेगी। नए कांटे, तराजू या बाटों की असेंबलिंग करने वाले मैन्युफैक्चरर और पेट्रोल पंप यूनिट्स को भी यही प्रक्रिया अपनानी होगी।
सुरक्षा और पारदर्शिता में इजाफा
पूरा आवेदन प्रोसेस अब ओटीपी आधारित सुरक्षा से लैस है, जिससे व्यापारियों की जानकारी सुरक्षित रहेगी। प्रमाणपत्र मिलने के बाद व्यापारी उसे अपनी आईडी से पोर्टल पर जाकर कभी भी डाउनलोड कर सकते हैं।
वरिष्ठ निरीक्षक प्रमोद कुमार पाल ने बताया कि अब किसी को विभाग के चक्कर नहीं लगाने होंगे। सब कुछ पारदर्शी, सरल और समयबद्ध हो गया है। इससे विभागीय कार्य में दक्षता भी बढ़ेगी और भ्रष्टाचार की संभावना भी कम होगी।