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उत्तर प्रदेश: निजी प्रैक्टिस में लिप्त दो चिकित्सा शिक्षक बर्खास्त, सात डॉक्टर और दो सीएमओ पर भी गिरी गाज

हिन्दुस्तान मिरर न्यूज़: 13 मई : 2025,

लखनऊ/कानपुर – उत्तर प्रदेश सरकार ने चिकित्सा क्षेत्र में अनुशासन और पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए बड़ी कार्रवाई की है। उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक के निर्देश पर निजी प्रैक्टिस में संलिप्त दो चिकित्सा शिक्षकों को तत्काल प्रभाव से बर्खास्त कर दिया गया है। इसके अलावा सात अन्य डॉक्टरों और दो मुख्य चिकित्साधिकारियों (सीएमओ) पर भी कड़ी कार्रवाई की तैयारी चल रही है।

जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज के दो शिक्षक बर्खास्त

कानपुर स्थित गणेश शंकर विद्यार्थी मेडिकल कॉलेज (जीएसवीएम) में कार्यरत न्यूरोसर्जरी विभाग के सह आचार्य डॉ. राघवेंद्र गुप्ता और पैथोलॉजी विभाग के सहायक आचार्य डॉ. स्वप्निल गुप्ता पर निजी प्रैक्टिस करने के गंभीर आरोप लगे थे। मंडलायुक्त कानपुर द्वारा कराई गई जांच में दोनों डॉक्टरों के खिलाफ आरोप प्रमाणित पाए गए। जांच रिपोर्ट उप मुख्यमंत्री को सौंपे जाने के बाद, दोनों शिक्षकों को बर्खास्त करने का आदेश जारी कर दिया गया।

उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने इस संबंध में कड़ा रुख अपनाते हुए कहा, “चिकित्सा शिक्षा विभाग में ऐसे शिक्षकों की कोई आवश्यकता नहीं जो सेवा अनुशासन का पालन नहीं करते। प्रदेश की जनता की सेहत के साथ खिलवाड़ करने वालों को किसी भी कीमत पर बख्शा नहीं जाएगा।”

जेके कैंसर संस्थान के निदेशक पर भी गिरी गाज

कानपुर के जेके कैंसर संस्थान के निदेशक पर आउटसोर्स मैनपावर की निविदा प्रक्रिया में अनियमितता के आरोप लगे हैं। मामले को गंभीरता से लेते हुए डिप्टी सीएम ने निविदा को रद्द कर प्रमुख सचिव को निदेशक से स्पष्टीकरण मांगने का निर्देश दिया है।

सात डॉक्टरों पर विभागीय कार्रवाई की तैयारी

प्रदेश के विभिन्न सरकारी अस्पतालों में तैनात सात डॉक्टरों के खिलाफ भी कार्रवाई की तैयारी है। इन चिकित्सकों को आरोप पत्र सौंपकर विभागीय अनुशासनात्मक कार्रवाई शुरू करने के निर्देश दिए गए हैं।

अनुपस्थित डॉक्टरों को बर्खास्त करने की प्रक्रिया शुरू

सीतापुर की महमूदाबाद सीएचसी में तैनात स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ. ऋतु रानी और बागपत के संयुक्त जिला चिकित्सालय में तैनात एनेस्थीसिया विशेषज्ञ डॉ. मोनू चौधरी लंबे समय से बिना किसी सूचना के गैरहाजिर चल रहे हैं। शासन ने इन दोनों डॉक्टरों को एक माह का नोटिस देकर बर्खास्त करने की कार्यवाही शुरू कर दी है।

दो सीएमओ से स्पष्टीकरण तलब

कानपुर नगर के सीएमओ डॉ. हरिदत्त नेमि और फर्रुखाबाद के सीएमओ डॉ. अवनींद्र कुमार को भी उप मुख्यमंत्री के आदेश पर कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है। डॉ. नेमि पर प्रशासनिक अनियमितता और डॉ. कुमार पर शासन को गलत जानकारी देने के आरोप लगे हैं।

सरकार का सख्त संदेश

इस पूरी कार्रवाई से स्पष्ट है कि प्रदेश सरकार चिकित्सा क्षेत्र में किसी भी तरह की लापरवाही, भ्रष्टाचार या अनियमितता को बर्दाश्त नहीं करेगी। उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने स्पष्ट किया है कि मरीजों को गुणवत्तापूर्ण और समयबद्ध सेवाएं देने के लिए चिकित्सा विभाग में सख्त अनुशासन लागू किया जाएगा।

➡️ स्वास्थ्य विभाग में पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करने के लिए ऐसी कार्रवाइयों का सिलसिला आगे भी जारी रहेगा।

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