हिन्दुस्तान मिरर न्यूज़: 17 अप्रैल: 2025,
2016 की भर्ती प्रक्रिया को सुप्रीम कोर्ट ने बताया “धोखे और जोड़-तोड़” से भरी
3 अप्रैल 2025 को सुप्रीम कोर्ट ने पश्चिम बंगाल शिक्षक भर्ती घोटाले पर बड़ा फैसला सुनाते हुए 2016 में हुई 25,000 से अधिक शिक्षकों और स्कूल कर्मचारियों की नियुक्तियों को रद्द कर दिया। कोर्ट ने कहा कि यह पूरी प्रक्रिया धोखाधड़ी और अनियमितताओं से भरी हुई थी।
9वीं से 12वीं तक के शिक्षकों को मिली अस्थायी राहत
हालांकि, कोर्ट ने छात्रों की पढ़ाई प्रभावित न हो, इस बात को ध्यान में रखते हुए कुछ राहत दी है। 9वीं से 12वीं कक्षा के शिक्षक, जो इस भर्ती प्रक्रिया के तहत नियुक्त हुए थे, उन्हें फिलहाल काम जारी रखने की अनुमति दी गई है। यह छूट केवल तब तक के लिए है जब तक नई नियुक्तियाँ पूरी नहीं हो जातीं।
ग्रुप C और D कर्मचारियों को नहीं मिली कोई राहत
सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट किया कि ग्रुप C और D के कर्मचारियों को कोई राहत नहीं दी जाएगी। ये कर्मचारी अब तत्काल प्रभाव से बर्खास्त माने जाएंगे।
राज्य सरकार को नियुक्ति प्रक्रिया में तेजी लाने का निर्देश
कोर्ट ने पश्चिम बंगाल सरकार को सख्त निर्देश दिए हैं कि वह 31 मई 2025 तक नई भर्ती का विज्ञापन जारी करे और 31 दिसंबर 2025 तक सारी नियुक्तियाँ पूरी करे। अगर ऐसा नहीं होता है, तो सुप्रीम कोर्ट ने चेतावनी दी है कि वह इसे गंभीरता से लेगा।
23 लाख अभ्यर्थियों में से 25 हज़ार को मिली थी नौकरी
2016 में पश्चिम बंगाल स्कूल सर्विस कमीशन (WBSSC) द्वारा कराई गई इस परीक्षा में करीब 23 लाख अभ्यर्थियों ने भाग लिया था। इनमें से 25,000 से अधिक को नौकरी मिली, लेकिन बाद में इस प्रक्रिया पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगे।
राज्य सरकार ने पढ़ाई में व्यवधान का हवाला दिया
राज्य सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से निवेदन किया कि छात्रों की पढ़ाई प्रभावित न हो, इसलिए शिक्षकों को कुछ समय तक काम करने की अनुमति दी जाए। कोर्ट ने इस पर विचार करते हुए सीमित और शर्तों के साथ अनुमति दी।