हिन्दुस्तान मिरर न्यूज़ ✑ गुरुवार 5 जून 2025
लखनऊ। उत्तर प्रदेश को आगामी वर्षों में केंद्रीय करों से अधिक हिस्सा मिलने की उम्मीद है। बुधवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और वित्त मंत्री सुरेश कुमार खन्ना ने 16वें केंद्रीय वित्त आयोग के समक्ष राज्य की उपलब्धियों और आवश्यकताओं को मजबूती से रखते हुए राज्य की हिस्सेदारी बढ़ाकर 20.47 प्रतिशत करने की मांग की। वर्तमान में यूपी को केंद्रीय करों में 17.93 प्रतिशत हिस्सेदारी मिलती है।
वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने गुरुवार को एक प्रेसवार्ता में बताया कि राज्य सरकार ने कम से कम 19.76 प्रतिशत हिस्सेदारी सुनिश्चित करने की अपेक्षा आयोग से की है। साथ ही, यूपी ने अन्य राज्यों की तरह केंद्रीय करों में राज्यों की कुल हिस्सेदारी को 41 प्रतिशत से बढ़ाकर 50 प्रतिशत किए जाने की भी मांग की है।
वित्त मंत्री ने बताया कि वित्तीय वर्ष 2025-26 के पहले दो महीने (अप्रैल और मई) में राज्य को मुख्य कर और करेत्तर स्रोतों से कुल 35,563.74 करोड़ रुपये की प्राप्ति हुई है, जो पिछले वित्तीय वर्ष 2024-25 की समान अवधि के मुकाबले 1,052.10 करोड़ रुपये अधिक है। पिछले वर्ष मई तक कुल 34,511.64 करोड़ रुपये की राजस्व प्राप्ति हुई थी।
राजस्व स्रोतवार आंकड़े
- GST से प्राप्ति – ₹14,152.41 करोड़
- वैट – ₹4,006.78 करोड़
- आबकारी – ₹9,187.96 करोड़
- स्टांप व निबंधन – ₹5,676.76 करोड़
- परिवहन – ₹1,981.63 करोड़
- भूतत्व एवं खनिकर्म – ₹558.10 करोड़
राज्य का अप्रैल-मई 2025 के लिए राजस्व लक्ष्य ₹48,535.87 करोड़ निर्धारित था, जिसके सापेक्ष ₹35,563.74 करोड़ की प्राप्ति हुई है।
मुख्यमंत्री ने आयोग को बताया कि उत्तर प्रदेश ने वित्तीय अनुशासन बनाए रखते हुए कर्ज में कमी की है और कर संग्रह को बेहतर किया है। साथ ही, 200 करोड़ पौधों के रोपण में से 70 प्रतिशत पौधों के जीवित रहने की जानकारी दी गई। मुख्यमंत्री ने शहरीकरण और बुनियादी ढांचे में तेजी से हो रहे विकास को भी रेखांकित किया।