उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने परिवहन विभाग की सेवाओं के डिजिटल लोकार्पण और शिलान्यास के अवसर पर बड़ा ऐलान किया। उन्होंने कहा कि राज्य के सभी बस चालकों की हर तीन माह में मेडिकल और फिटनेस जांच अनिवार्य रूप से कराई जाएगी। विशेष रूप से आंखों की जांच जरूरी होगी ताकि दृष्टि दोष के कारण सड़क हादसे न हों।
‘अंदाजे से गाड़ी चलाने की छूट नहीं’
मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि सड़क पर अंदाजे से गाड़ी चलाने की अनुमति नहीं दी जा सकती। उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम (UPSRTC) के पास देश का सबसे बड़ा बेड़ा है, जो एक उपलब्धि है, लेकिन इसके साथ चुनौतियां भी बड़ी हैं। उन्होंने रक्षाबंधन पर तीन दिनों तक बहनों के लिए मुफ्त बस सेवा की सराहना की और भविष्य में ऐसी सेवाओं को और प्रभावी तरीके से प्रचारित करने पर जोर दिया।
अल्पकालिक से दीर्घकालिक योजनाओं पर जोर
योगी आदित्यनाथ ने विभाग को तीन स्तर की योजनाएं बनाने का निर्देश दिया – अल्पकालिक (3 वर्ष), मध्यम अवधि (10 वर्ष) और दीर्घकालिक (22 वर्ष)। उन्होंने कहा कि समय के साथ चलना ही नहीं बल्कि दो कदम आगे बढ़ना आवश्यक है, तभी प्रदेश प्रगति करेगा।
परिवहन विभाग की मिसालें
मुख्यमंत्री ने 2019 के प्रयागराज कुंभ और 2020 की कोरोना महामारी का उल्लेख करते हुए कहा कि उस समय विभाग ने लाखों प्रवासियों को न केवल यूपी बल्कि बिहार, झारखंड, ओडिशा, असम, पश्चिम बंगाल और उत्तराखंड तक सुरक्षित पहुंचाया। इसी वर्ष महाकुंभ के दौरान भी विभाग ने भीड़ प्रबंधन और यात्रियों को सुरक्षित गंतव्य तक पहुंचाने में अहम योगदान दिया।
सड़क सुरक्षा पर विशेष बल
योगी आदित्यनाथ ने कहा कि सड़क सुरक्षा प्रदेश के लिए गंभीर चुनौती है। कोरोना काल के तीन सालों में जितनी जानें नहीं गईं, उससे अधिक लोग हर साल सड़क हादसों में मरते हैं। इनमें सबसे ज्यादा युवा होते हैं। उन्होंने जोर दिया कि हर व्यक्ति की सुरक्षा परिवहन विभाग की जिम्मेदारी है। किसी यात्री की जान बचाने से विभाग की छवि मजबूत होती है, जबकि लापरवाही से न केवल विभाग की बदनामी होती है बल्कि आर्थिक क्षति भी होती है।
जन-जागरूकता अभियान और सख्त नियम
मुख्यमंत्री ने कहा कि सड़क सुरक्षा को लेकर व्यापक जन-जागरूकता अभियान चलाया जाए। इसके लिए आईआईटी खड़गपुर जैसी तकनीकी संस्थाओं की मदद, पुलिस व अन्य विभागों का सहयोग और स्कूल स्तर पर ट्रैफिक शिक्षा को अनिवार्य करना होगा। उन्होंने हेलमेट, सीट बेल्ट, नशे में ड्राइविंग और ओवरस्पीडिंग पर सख्त कार्रवाई की बात कही।
तकनीक और ऐप से हादसों में कमी
योगी ने बताया कि यूपी पुलिस द्वारा विकसित ऐप से दुर्घटना-प्रवण क्षेत्रों की पहचान हुई है। इससे कुछ जगहों पर हादसों की संख्या महीने में 18 से घटकर 3 तक रह गई। उन्होंने कहा कि समाज के हर वर्ग की जिम्मेदारी है कि सड़क सुरक्षा में योगदान दें।
पर्यावरण संरक्षण और इलेक्ट्रिक बसें
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री के नेट जीरो एमिशन लक्ष्य को हासिल करने के लिए इलेक्ट्रिक बसें महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगी। निजी क्षेत्र की मदद से चार्जिंग स्टेशन बनाए जा सकते हैं और पुराने वाहनों की स्क्रैपिंग को बढ़ावा देना होगा।
आधुनिक सेवाओं पर जोर
उन्होंने कहा कि बस स्टेशनों को विश्वस्तरीय बनाया जाए, बसें अव्यवस्थित तरीके से सड़क पर न खड़ी हों और यात्रियों को सुरक्षित व स्वच्छ माहौल मिले। ड्राइविंग ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट्स को और मजबूत बनाने तथा विभाग को जवाबदेही के साथ काम करने की आवश्यकता है।