हिन्दुस्तान मिरर न्यूज:
लखनऊ। नए कनेक्शन में स्मार्ट प्रीपेड मीटर के लिए ₹6016 वसूलने को लेकर उत्तर प्रदेश विद्युत नियामक आयोग ने पावर कारपोरेशन प्रबंधन पर कार्रवाई के संकेत दिए हैं। आयोग में दाखिल जवाब में कारपोरेशन ने स्वीकार किया है कि यह वसूली आयोग की अनुमति के बिना “अंतरिम व्यवस्था” के तहत की जा रही है। आयोग ने 17 अक्टूबर को कारपोरेशन अध्यक्ष व प्रबंधन निदेशक को नोटिस जारी कर 15 दिन में जवाब मांगा था। जवाब में प्रबंधन ने कहा कि स्मार्ट मीटर की कीमत का अनुमोदन न मिलने के कारण यह कदम उठाया गया। साथ ही दावा किया कि स्मार्ट प्रीपेड मीटर की वास्तविक लागत सात से नौ हजार रुपये तक है।
उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद ने इस जवाब को असंतोषजनक बताते हुए आयोग में कानूनी प्रस्ताव दाखिल किया है और विद्युत अधिनियम 2003 की धारा 142 के तहत दंडात्मक कार्रवाई की मांग की है। परिषद अध्यक्ष अवधेश वर्मा ने सवाल उठाया कि यदि यह अंतरिम व्यवस्था थी तो कारपोरेशन ने 10 सितंबर के आदेश में इसका उल्लेख क्यों नहीं किया। उन्होंने आरोप लगाया कि कास्ट डाटा बुक में डबल जीएसटी शामिल होने के कारण आयोग ने कीमत को मंजूरी नहीं दी थी। अब आयोग के निर्णय पर ही यह तय होगा कि उपभोक्ताओं से वसूले गए 6016 रुपये सही हैं या नहीं।













