हिन्दुस्तान मिरर न्यूज़: 20 अप्रैल: 2025,
फेसबुक विज्ञापन बना धोखाधड़ी की शुरुआत का जरिया
मथुरा के हाईवे थाना क्षेत्र के वसुंधरा ब्यू निवासी अमित कुमार, जो एक सरकारी शिक्षक हैं, शेयर बाजार में निवेश करने के चक्कर में साइबर ठगी का शिकार हो गए। उन्होंने दिसंबर 2024 में फेसबुक पर एक विज्ञापन देखा जिसमें प्राइमरी शेयर बाजार में दोगुना मुनाफा देने का दावा किया गया था। विज्ञापन पर क्लिक करने के बाद उन्हें एक व्हाट्सएप लिंक मिला और फिर वे “हेम सिक्योरिटी लिमिटेड” नाम की कथित कंपनी के ग्रुप में शामिल हो गए।
हेमपा एप डाउनलोड कर फंसे जाल में
ग्रुप में शामिल होने के बाद “एनी रोजरिया” नाम की महिला ने उन्हें निवेश की सलाह दी। महिला की बातों में आकर उन्होंने गूगल फॉर्म भरा और फिर “हेमपा” नामक एप डाउनलोड कर लिया। शुरुआत में उन्होंने 1.5 लाख रुपये निवेश किए, जो 15 दिन में दोगुने हो गए। इस पर भरोसा कर उन्होंने कुल मिलाकर तीन माह में 52 लाख रुपये निवेश कर दिए।
1 करोड़ रुपये दिखे अकाउंट में, फिर फ्रीज हो गया खाता
रकम दोगुना होने के बाद उनके अकाउंट में 1 करोड़ रुपये दिखने लगे, लेकिन जब उन्होंने 10 फरवरी को यह रकम निकालने की कोशिश की, तो उनका ब्रोकर खाता फ्रीज कर दिया गया। जब उन्होंने इस पर सवाल किया, तो महिला ने कहा कि कंपनी पर इनकम टैक्स की रेड पड़ी है और 20% टैक्स भरने की बात कहकर उन्हें ब्लॉक कर दिया गया।
कंपनी ने खुद को बताया निर्दोष, बताया फर्जीवाड़ा
14 फरवरी को जब पीड़ित ने असली हेम सिक्योरिटी लिमिटेड कंपनी से संपर्क किया, तो कंपनी ने ऐसी किसी भी राशि के निवेश से इनकार कर दिया और कहा कि उनकी फर्जी आईडी बनाकर साइबर ठगों ने धोखाधड़ी की है।
9 लाख रुपये होल्ड कराने में सफल हुई पुलिस
पीड़ित ने 15 फरवरी को साइबर पोर्टल पर शिकायत दर्ज कराई। साइबर थाना प्रभारी छोटेलाल के अनुसार पुलिस ने ब्रोकर अकाउंट से 9 लाख रुपये होल्ड करा लिए हैं, जिन्हें जल्द पीड़ित को लौटाया जाएगा। मामले की जांच अभी जारी है और पूरी रकम वापस दिलाने का प्रयास किया जा रहा है।
ऐसे बचें साइबर ठगी से: सुरक्षा के उपाय
- सिर्फ आधिकारिक ऐप स्टोर से ही एप डाउनलोड करें।
- एप की रेटिंग और रिव्यू जरूर जांचें।
- एप को दी जाने वाली परमिशन पर ध्यान दें।
- अपने मोबाइल में एंटीवायरस इंस्टॉल करें।
- मोबाइल को नियमित रूप से अपडेट करते रहें।
- फेसबुक और इंस्टाग्राम के विज्ञापनों पर सोच-समझकर क्लिक करें।
- किसी भी वेबसाइट पर जानकारी साझा करने से पहले उसकी जांच कर लें।
- ठगी की स्थिति में तुरंत हेल्पलाइन नंबर 1930 पर संपर्क करें।