हिन्दुस्तान मिरर न्यूज़ ✑ 23 मई : 2025
हाथरस, 23 मई: वसीयत से संबंधित एक मुकदमे में गंभीर जालसाजी का मामला सामने आया है, जिसमें तहसील स्तर के अधिकारियों और अन्य व्यक्तियों पर दस्तावेजों में हेरफेर करने का आरोप लगाया गया है। इस मामले को लेकर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट श्री संजीव कुमार त्रिपाठी की अदालत ने हाथरस सदर तहसील के तत्कालीन पेशकार, लिपिक समेत कुल छह लोगों के विरुद्ध मुकदमा दर्ज करने के आदेश दिए हैं।
प्राप्त जानकारी के अनुसार, साकेत कॉलोनी निवासी प्रदीप कुमार ने न्यायालय में एक प्रार्थना पत्र दायर कर आरोप लगाया कि उनका एक मामला वसीयत को लेकर विचाराधीन था, जिसमें संधि पत्र (सेटलमेंट डीड) तैयार किया गया था। आरोप है कि इस संधि पत्र में जानबूझकर और षड्यंत्र के तहत छेड़छाड़ की गई।
प्रदीप कुमार का आरोप है कि संधि पत्र के पैरा नंबर एक के अंत में एक अतिरिक्त लाइन जोड़ दी गई, जिससे उन्हें धोखा देकर उनके अधिकारों का हनन किया गया। यह कथित जालसाजी गोपाल शर्मा, रामप्रकाश शर्मा (दोनों पुत्र रमेशचंद्र), उमेश (पुत्र देवीशरण), पुष्पा देवी (पत्नी देवीशरण), जो कि ग्राम चूहरपुर, तहसील गभाना, जिला अलीगढ़ के निवासी हैं, द्वारा की गई। आरोप है कि इन लोगों ने तहसीलदार हाथरस के अधीनस्थ कर्मचारियों के साथ मिलकर यह कारनामा अंजाम दिया।
इतना ही नहीं, संधि पत्र के पैरा नंबर दो और पैरा नंबर पांच में भी इसी तरह से अतिरिक्त पंक्तियाँ जोड़ने का आरोप लगाया गया है, जिससे पूरे दस्तावेज की वैधता और निष्पक्षता पर प्रश्नचिन्ह लग गया है।
न्यायालय ने मामले की गंभीरता को देखते हुए प्रभारी निरीक्षक, थाना हाथरस गेट को आदेशित किया है कि वे इस मामले में तीन दिनों के भीतर उचित धाराओं में एफआईआर दर्ज कर विवेचना शुरू करें। अदालत ने यह भी सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं कि मामले की निष्पक्ष जांच हो और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए।