हिन्दुस्तान मिरर न्यूज़: शनिवार 7 जून 2025
बदायूं। महिला अस्पताल में संचालित विशेष नवजात शिशु देखभाल इकाई (एसएनसीयू) में वेंटिलेटर की सुविधा न होने के कारण शनिवार को तीन नवजातों की मौत हो गई। मृतकों में दो जुड़वा बच्चे भी शामिल हैं। यह स्थिति तब है जब हर दिन 10 से 15 गंभीर हालत वाले नवजात यहां भर्ती हो रहे हैं और संसाधनों के अभाव में अधिकांश को अलीगढ़ या सैफई रेफर किया जा रहा है।
जुड़वा बच्चों की मौत, इलाज में लापरवाही का आरोप
समरेर निवासी विपिन की पत्नी रेनू ने चार जून को जुड़वा बच्चों को जन्म दिया था। कम वजन के चलते उन्हें एसएनसीयू में भर्ती कराया गया। डॉक्टरों के अनुसार दोनों बच्चों को वेंटिलेटर और सीपैप की जरूरत थी, लेकिन यहां ये सुविधाएं उपलब्ध नहीं हैं। शनिवार सुबह दोनों नवजातों ने दम तोड़ दिया। परिजनों ने इलाज में लापरवाही का आरोप लगाकर हंगामा किया, जिस पर सुरक्षाकर्मियों ने हस्तक्षेप कर उन्हें शांत कराया।
780 ग्राम के नवजात की भी गई जान
दातागंज के मोहल्ला परा निवासी धर्मपाल की पत्नी प्रेमलता ने पांच जून को एक बच्चे को जन्म दिया। बच्चे का वजन मात्र 780 ग्राम था और उसे एसएनसीयू में भर्ती किया गया था। डॉक्टरों ने वेंटिलेटर की जरूरत बताकर बच्चे को रेफर करने की सलाह दी, लेकिन परिजन इसके लिए तैयार नहीं हुए। शनिवार सुबह बच्चे की मौत हो गई।
वार्मर के लिए घंटों इंतजार, रुपए लेकर होती है प्राथमिकता?
अस्पताल में 12 वार्मरों की सुविधा है, जबकि भर्ती नवजातों की संख्या 17 से 18 तक पहुंच जाती है। ऐसे में कई बार परिजनों को तीन-तीन घंटे तक वार्मर के लिए इंतजार करना पड़ता है। आरोप है कि कुछ कर्मचारी रुपये लेकर जल्दी वार्मर उपलब्ध कराते हैं, जबकि जिनके पास पैसे नहीं होते, उन्हें टरका दिया जाता है।
सीएमएस ने मानी वेंटिलेटर की कमी
महिला अस्पताल की सीएमएस डॉ. इंदुकांत वर्मा ने कहा कि जिन बच्चों की मौत हुई है, उनका वजन अत्यंत कम था। डॉक्टरों ने पूरा प्रयास किया, लेकिन वेंटिलेटर की सुविधा न होने से जान नहीं बचाई जा सकी। वेंटिलेटर के लिए कई बार शासन को पत्र भेजे जा चुके हैं, लेकिन अब तक सुविधा उपलब्ध नहीं हो सकी है।