हिन्दुस्तान मिरर न्यूज़: शनिवार 14 जून 2025
नई दिल्ली : 12 जून 2025 को अहमदाबाद के सरदार वल्लभभाई पटेल अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से लंदन के गैटविक हवाई अड्डे के लिए उड़ान भरने वाला एयर इंडिया का विमान AI171, उड़ान भरने के कुछ ही सेकंड बाद मेघानीनगर में एक मेडिकल कॉलेज परिसर में दुर्घटनाग्रस्त हो गया। इस भयावह हादसे में 242 यात्रियों और चालक दल के सदस्यों में से 241 लोगों की मौत हो गई, जिसमें 169 भारतीय, 52 ब्रिटिश, 7 पुर्तगाली और 1 कनाडाई नागरिक शामिल थे। केवल एक यात्री, 40 वर्षीय विश्वासकुमार रमेश, इस हादसे में जीवित बचे, जिनका इलाज चल रहा है। विमान ने मेडिकल कॉलेज के एक हॉस्टल भवन को टक्कर मारी, जिससे कई मेडिकल छात्रों सहित जमीन पर मौजूद कम से कम 29 लोगों की भी मौत हो गई। यह भारत की सबसे भीषण विमानन त्रासदियों में से एक है।
प्रेस कॉन्फ्रेंस में दी गई जानकारी
शनिवार, 14 जून 2025 को केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री राम मोहन नायडू किंजरापु ने नई दिल्ली में एक उच्च स्तरीय बैठक की अध्यक्षता की और इसके बाद एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में हादसे के बारे में विस्तृत जानकारी दी। उनके साथ नागरिक उड्डयन मंत्रालय के सचिव समीर कुमार सिन्हा भी मौजूद थे।
समीर कुमार सिन्हा ने बताया:
- विमान ने 12 जून को दोपहर 1:39 बजे उड़ान भरी और लगभग 650 फीट की ऊंचाई पर पहुंचने के बाद यह ऊंचाई खोने लगा।
- पायलट ने उसी समय एटीसी को “मे डे” (पूर्ण आपातकाल) की सूचना दी, लेकिन इसके बाद विमान से कोई संपर्क नहीं हो सका।
- ठीक एक मिनट बाद, विमान हवाई अड्डे से लगभग 2 किमी दूर मेघानीनगर में दुर्घटनाग्रस्त हो गया।
- विमान ने दुर्घटना से पहले पेरिस-दिल्ली-अहमदाबाद सेक्टर की उड़ान बिना किसी परेशानी के पूरी की थी।
- हादसे के बाद दोपहर 2:30 बजे रनवे को बंद कर दिया गया, और प्रोटोकॉल पूरे करने के बाद शाम 5 बजे से सीमित उड़ानों के लिए इसे फिर से खोला गया।
राम मोहन नायडू ने कहा:
- यह हादसा पूरे देश के लिए स्तब्धकारी है, और पीड़ित परिवारों के प्रति उनकी गहरी संवेदनाएं हैं।
- विमान दुर्घटना जांच ब्यूरो (AAIB) को तुरंत सक्रिय किया गया, और यह जांच अंतरराष्ट्रीय नागरिक उड्डयन संगठन (ICAO) के प्रोटोकॉल के अनुसार की जा रही है।
- डायरेक्टोरेट जनरल ऑफ सिविल एविएशन (DGCA) ने बोइंग 787 सीरीज के सभी 34 विमानों की विस्तृत जांच का आदेश दिया है, जिनमें से 8 की जांच पूरी हो चुकी है।
- एयर इंडिया को पीड़ित परिवारों को हर संभव सहायता प्रदान करने के निर्देश दिए गए हैं, और डीएनए परीक्षण के जरिए शवों की पहचान कर उन्हें परिवारों को सौंपा जाएगा।
AAIB जांच और ब्लैक बॉक्स बरामदगी
- ब्लैक बॉक्स बरामदगी: AAIB ने दुर्घटना स्थल से दोनों ब्लैक बॉक्स (डिजिटल फ्लाइट डेटा रिकॉर्डर और कॉकपिट वॉयस रिकॉर्डर) बरामद कर लिए हैं। पहला ब्लैक बॉक्स 13 जून को शाम 5 बजे के आसपास एक इमारत की छत से मिला, जबकि दूसरा रिकॉर्डर भी उसी दिन बरामद हुआ। एक ब्लैक बॉक्स क्षतिग्रस्त है, लेकिन इसका डेटा निकाला जा सकता है।
जांच का फोकस: AAIB, बोइंग की एक टीम, और अमेरिका के नेशनल ट्रांसपोर्टेशन सेफ्टी बोर्ड (NTSB) के साथ मिलकर जांच कर रहा है। जांच के प्रमुख बिंदु हैं:
- इंजन: क्या दोनों इंजनों में एक साथ खराबी (डबल-इंजन फेल्योर) हुई?
- विंग फ्लैप्स और लैंडिंग गियर: प्रारंभिक जांच में संकेत मिले हैं कि विमान के फ्लैप्स टेकऑफ के लिए सही स्थिति में नहीं थे, और लैंडिंग गियर भी पूरी तरह से वापस नहीं लिया गया था।
- पायलट निर्णय और प्रशिक्षण: कॉकपिट वॉयस रिकॉर्डर से पायलटों के अंतिम क्षणों की जानकारी मिल सकती है।
- अन्य संभावनाएं: पक्षी टकराने (बर्ड स्ट्राइक), पूर्ण विद्युत खराबी, या मौसम की स्थिति (अहमदाबाद में उच्च तापमान) की भूमिका की भी जांच की जा रही है।
अंतरराष्ट्रीय सहयोग: ब्रिटिश जांचकर्ता और NTSB की टीमें भारत में AAIB के साथ सहयोग कर रही हैं। विमान के दो जनरल इलेक्ट्रिक GEnx इंजनों के हिस्सों को विश्लेषण के लिए अमेरिका भेजा जा रहा है।
सिफारिशें और भविष्य की योजनाएं
- उच्च-स्तरीय समिति: सरकार ने एक स्वतंत्र उच्च-स्तरीय समिति गठित की है, जो तीन महीने में अपनी विस्तृत रिपोर्ट सौंपेगी। यह समिति भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए मानक संचालन प्रक्रियाओं (SOPs) और सिफारिशों पर ध्यान देगी।
सुरक्षा जांच: DGCA ने एयर इंडिया के पूरे बोइंग 787 बेड़े की सुरक्षा जांच का आदेश दिया है, और सभी प्रोटोकॉल का सख्ती से पालन सुनिश्चित किया जा रहा है।
पीड़ितों की सहायता: डीएनए परीक्षण के माध्यम से शवों की पहचान की प्रक्रिया तेज की गई है ताकि उन्हें जल्द से जल्द परिवारों को सौंपा जा सके। गुजरात सरकार इस प्रक्रिया में समन्वय कर रही है।
विमानन विशेषज्ञों का मानना है कि ब्लैक बॉक्स के डेटा से यह स्पष्ट हो सकता है कि दुर्घटना का कारण तकनीकी खराबी, मानवीय त्रुटि, या बाहरी कारक जैसे पक्षी टकराना या मौसम था। कुछ विशेषज्ञों ने विमान के टेकऑफ कॉन्फिगरेशन में गड़बड़ी की संभावना जताई है, जैसे कि फ्लैप्स का गलत सेट होना या इंजन थ्रस्ट में कमी।