• Home
  • लखनऊ
  • उपभोग प्रमाणपत्र न देने पर निकायों के 1700 करोड़ रुपये रोके गए, 762 निकायों ने नहीं दिया खर्च का हिसाब
Image

उपभोग प्रमाणपत्र न देने पर निकायों के 1700 करोड़ रुपये रोके गए, 762 निकायों ने नहीं दिया खर्च का हिसाब

हिन्दुस्तान मिरर न्यूज: रविवार 29 जून 2025

लखनऊ। उत्तर प्रदेश के नगर निकायों की लापरवाही अब विकास पर भारी पड़ रही है। राज्य के स्टांप एवं पंजीयन विभाग ने 762 नगर निकायों को जारी किए जाने वाले करीब 1700 करोड़ रुपये रोक दिए हैं। वजह? इन निकायों ने पहले मिली राशि का उपभोग प्रमाणपत्र (यूसी) नहीं दिया है। इससे 200 नगर पालिका परिषद, 545 नगर पंचायत और 17 नगर निगम प्रभावित हुए हैं।

पहले बिना यूसी दी गई थी किस्त, अब शर्त के साथ मिलेगी राशि

स्टांप व पंजीयन विभाग, नगरीय क्षेत्रों के विकास के लिए रजिस्ट्री पर मिलने वाली आय से 2% अतिरिक्त विकास शुल्क के तौर पर नगर निकायों को हर तिमाही फंड देता है। पहली और दूसरी तिमाही की राशि बिना यूसी के जारी की गई ताकि विकास कार्यों में रुकावट न आए, लेकिन निकायों ने न तो पूरा पैसा खर्च किया और न ही उसका लेखा-जोखा दिया।

अब विभाग ने सख्ती दिखाते हुए आदेश जारी किया है कि जब तक तीसरी और चौथी तिमाही का उपभोग प्रमाणपत्र जमा नहीं होगा, तब तक वित्त वर्ष 2025-26 की पहली और दूसरी तिमाही की राशि भी रोकी जाएगी।

तीसरी और चौथी तिमाही की स्थिति

  • तीसरी तिमाही में जारी होने थे: ₹943.86 करोड़
  • जारी किए गए: ₹258.49 करोड़
  • रोकी गई राशि: ₹685.37 करोड़

चौथी तिमाही (जनवरी-मार्च) की भी 1000 करोड़ रुपये से अधिक की राशि बकाया है, लेकिन यूसी न देने के कारण वह भी अटक गई है।

अब तक कितनी रकम जारी हुई?


तिमाही
संग्रहित राशि (₹ करोड़)जारी की गई राशि (₹ करोड़)
पहली तिमाही889.45868
दूसरी तिमाही921.49917
तीसरी तिमाही943.86258.49

किन-किन संस्थाओं को जारी हुई है राशि?

  • डेडिकेटेड अर्बन ट्रांसपोर्ट फंड: ₹222.36 करोड़ (Q1), ₹230.37 करोड़ (Q2)
  • आवास एवं विकास परिषद: ₹312.99 करोड़ (तीनों तिमाहियों में)
  • नगर निकायों को: ₹59.56 करोड़ (Q1), ₹370.71 करोड़ (Q2)
  • नगर निगम वाराणसी: ₹12.07 करोड़ (Q3)
  • मुरादाबाद: ₹5.88 करोड़, फिरोजाबाद: ₹2.05 करोड़ (Q3)
  • राज्य औद्योगिक विकास प्राधिकरण: ₹19.83 करोड़
  • यमुना एक्सप्रेसवे प्राधिकरण: ₹33.88 करोड़
  • अन्य विशेष क्षेत्र प्राधिकरणों को भी करोड़ों की राशि दी गई

मंत्री का बयान

स्टांप एवं पंजीयन मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) रवींद्र जायसवाल ने कहा:
“मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मंशा के अनुसार विकास कार्यों में तेजी लाई जा रही है, लेकिन जो निकाय अपने खर्च का प्रमाण नहीं देंगे, उन्हें अगली किस्त नहीं दी जाएगी। 2090 करोड़ रुपये की राशि दी गई, लेकिन कई निकायों ने इसका हिसाब तक नहीं दिया है।”

निकायों की अनदेखी के कारण राज्य के नगरीय क्षेत्रों में विकास योजनाओं पर असर पड़ रहा है। सरकार ने साफ कर दिया है कि अब यूसी (उपभोग प्रमाणपत्र) जमा किए बिना किसी भी तिमाही की राशि नहीं दी जाएगी।

Releated Posts

काकोरी ट्रेन एक्शन के 100 वर्ष : मुख्यमंत्री योगी ने वीर क्रांतिकारियों को दी श्रद्धांजलि

हिन्दुस्तान मिरर न्यूज लखनऊ, 9 अगस्त (भाषा)। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य…

लखनऊ: मुख्यमंत्री योगी पर जल चढ़ाने पहुंचे कांवड़िए, पुलिस ने रोका

हिन्दुस्तान मिरर न्यूज: 26 जुलाई 2025 लखनऊ, 26 जुलाई — राजधानी लखनऊ में शुक्रवार को एक अजीब वाकया…

ByByHindustan Mirror NewsJul 26, 2025

लखनऊ: STF चीफ बनकर 28 लाख रुपये की ठगी

लखनऊ | साइबर ठगों ने खुद को एटीएस और एसटीएफ अधिकारी बताकर एक रिटायर्ड बैंक कैशियर को डिजिटल…

ByByHindustan Mirror NewsJul 26, 2025

लखनऊ: फर्जी सीबीआई अधिकारी बनकर 56 लाख की ठगी, गिरोह का सरगना समेत तीन गिरफ्तार

हिन्दुस्तान मिरर न्यूज: 25 जुलाई 2025 लखनऊ में साइबर ठगों के एक ऐसे गिरोह का खुलासा हुआ है…

ByByHindustan Mirror NewsJul 25, 2025

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Scroll to Top