हिन्दुस्तान मिरर न्यूज: 3 अगस्त 2025
नई दिल्ली: वैश्विक सामरिक परिदृश्य में समुद्रों की हलचल तेज हो गई है। अमेरिका ने रूस की धमकियों के बाद दो पनडुब्बियां अज्ञात स्थान पर भेज दी हैं। वहीं, भारत ने दक्षिण-पूर्व एशिया में अपनी नौसैनिक ताकत का प्रदर्शन करते हुए तीन युद्धपोत फिलीपींस रवाना किए हैं और एक युद्धपोत सिंगापुर के साथ युद्धाभ्यास में जुटा है। यह कदम चीन की आक्रामकता के खिलाफ रणनीतिक जवाब और सहयोगी देशों को समर्थन का संदेश है।
फिलीपींस पहुंचे भारतीय नौसैनिक बेड़े में INS दिल्ली, INS किलटन और INS शक्ति शामिल हैं। INS दिल्ली एक गाइडेड मिसाइल विध्वंसक है, जो सतह पर मौजूद दुश्मन जहाजों को तबाह करने में सक्षम है। INS किलटन पनडुब्बी रोधी युद्धपोत है, जबकि INS शक्ति लॉजिस्टिक सपोर्ट के लिए आवश्यक ईंधन और सामग्री की आपूर्ति करता है। इन जहाजों की अगुवाई ईस्टर्न फ्लीट के कमांडर रियर एडमिरल सुशील मेनन कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि भारत-फिलीपींस इंडो-पैसिफिक में स्थिरता और समुद्री सुरक्षा के लिए प्रतिबद्ध हैं।
इसी बीच, INS सतपुड़ा सिंगापुर में सिम्बेक्स अभ्यास के 32वें संस्करण में हिस्सा ले रहा है। यह भारत और सिंगापुर की नौसेनाओं के बीच दशकों पुरानी साझेदारी को और मजबूत करता है। इस द्विपक्षीय अभ्यास का उद्देश्य संयुक्त अभियान, संचार और रणनीति में पारस्परिक समन्वय को सुदृढ़ करना है।
रिपोर्ट के अनुसार, भारत और फिलीपींस आगामी सप्ताह में दक्षिण चीन सागर में अपना पहला संयुक्त समुद्री अभ्यास करेंगे। यह सब उस समय हो रहा है जब फिलीपींस के राष्ट्रपति फर्डिनेंड आर. मार्कोस जूनियर 4 से 8 अगस्त तक भारत की राजकीय यात्रा पर आ रहे हैं। यह यात्रा दोनों देशों के बीच 75 वर्षों के राजनयिक संबंधों का प्रतीक भी है।
भारत का यह कदम क्षेत्रीय स्थिरता सुनिश्चित करने के साथ-साथ चीन की बढ़ती समुद्री आक्रामकता को सामूहिक जवाब देने का प्रयास है।













