हिन्दुस्तान मिरर न्यूज:
नई दिल्ली, 24 अगस्त
भारत ने अपनी रक्षा क्षमता को नई ऊँचाई पर ले जाते हुए इंटीग्रेटेड एयर डिफेंस हथियार प्रणाली (IAWS) का सफल परीक्षण किया है। यह परीक्षण 23 अगस्त को ओडिशा तट से दोपहर 12:30 बजे किया गया। रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) द्वारा विकसित यह प्रणाली पूरी तरह स्वदेशी तकनीक पर आधारित है और भारत को उन चुनिंदा देशों की श्रेणी में शामिल करती है, जिनके पास आधुनिक व बहु-स्तरीय वायु रक्षा प्रणाली है।
क्या है आईएडब्ल्यूएस?
आईएडब्ल्यूएस एक मल्टी-लेयर्ड एयर डिफेंस सिस्टम है, जिसमें क्विक रिएक्शन सरफेस टू एयर मिसाइल (QRSAM), एडवांस्ड वेरी शॉर्ट रेंज एयर डिफेंस मिसाइल और लेजर-आधारित निर्देशित ऊर्जा हथियार शामिल हैं। यह प्रणाली लड़ाकू विमानों, हेलीकॉप्टरों, ड्रोन और क्रूज मिसाइल जैसे हवाई खतरों को अलग-अलग स्तर पर रोकने और नष्ट करने में सक्षम है।
विशेषज्ञों का कहना है कि QRSAM मध्यम दूरी तक के हवाई खतरों को नष्ट कर सकती है, जबकि वेरी शॉर्ट रेंज मिसाइलें कम ऊँचाई पर आने वाले ड्रोन और हेलीकॉप्टरों को तुरंत मार गिराने की क्षमता रखती हैं। वहीं, लेजर-आधारित हथियार पलक झपकते ही शत्रु के हवाई लक्ष्यों को ध्वस्त कर सकते हैं।
रक्षा मंत्री की प्रतिक्रिया
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने इस उपलब्धि पर डीआरडीओ, भारतीय सशस्त्र बलों और उद्योग जगत को बधाई दी। उन्होंने कहा कि यह परीक्षण भारत की बहु-स्तरीय एयर डिफेंस क्षमता को स्थापित करता है और महत्वपूर्ण स्थलों की सुरक्षा को मजबूत करेगा।
आत्मनिर्भर भारत की ओर बड़ा कदम
यह उपलब्धि न केवल भारत की हवाई सुरक्षा को सुदृढ़ करेगी बल्कि आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत रक्षा क्षेत्र में स्वदेशीकरण की दिशा में भी अहम साबित होगी। आईएडब्ल्यूएस भविष्य में भारत की महत्वपूर्ण सैन्य एवं औद्योगिक स्थापनाओं को दुश्मन के हवाई हमलों से बचाने में बड़ी भूमिका निभाएगा।
हाल की उपलब्धि – अग्नि-5
गौरतलब है कि इसी सप्ताह भारत ने अपनी अत्याधुनिक मध्यम दूरी की बैलिस्टिक मिसाइल ‘अग्नि-5’ का भी सफल परीक्षण किया था। यह परीक्षण चांदीपुर स्थित इंटीग्रेटेड टेस्ट रेंज से किया गया और मिसाइल ने सभी तकनीकी मापदंडों को सफलतापूर्वक पूरा किया।
आईएडब्ल्यूएस और अग्नि-5 के ये सफल परीक्षण भारत की रक्षा क्षमता में जबरदस्त इजाफा करते हैं और देश को आधुनिक सैन्य शक्ति के रूप में और मजबूत बनाते हैं।