प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना में बड़े पैमाने पर गड़बड़ियां सामने आई हैं। प्रशासन की जांच में लगभग 1 लाख किसानों की निधि रोक दी गई है, जिसमें 33 हजार दंपति शामिल हैं जिन्होंने पति-पत्नी दोनों नाम से योजना का लाभ उठाया।
जांच में यह भी सामने आया कि 32 हजार किसान ऐसे हैं जिन्होंने 2019 के बाद जमीन का बैनामा या दान पत्र कराया है। इनकी सूची तैयार कर भुगतान प्रक्रिया रोकी गई है। सरकार ने स्पष्ट किया है कि योजना का लाभ केवल असली किसानों तक ही पहुंचना चाहिए, इसलिए लगातार निगरानी और सख्त कार्रवाई की जा रही है।
सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, 77,712 किसान संदिग्ध पाए गए। इनमें पति-पत्नी द्वारा लाभ लेने वाले 32,724, सस्पेक्टेड 31,556, भौतिक सत्यापन में 10,516, सरेंडर 1,476 और डबल पंजीकरण वाले 1,440 किसान शामिल हैं। इसके अलावा 8,772 किसानों के आधार लिंक न होने की वजह से भी भुगतान रुका है।
कुछ मामलों में बैंक खातों और KYC से जुड़ी तकनीकी खामियां सामने आईं। जैसे विजय प्रकाश का खाता NPCI से लिंक नहीं है, नेराज कुमार मौर्य ने KYC पूरी नहीं कराई और दिनेश कुमार का भू-अंकन भी पूरा नहीं मिला।
कैमहरा और सकेथू गांव से शिकायतें आने के बाद गहन जांच हुई। उप निदेशक कृषि गिरीश चन्द्र ने बताया कि सभी संदिग्ध लाभार्थियों की निधि रोक दी गई है और आगे कार्रवाई की जाएगी ताकि योजना का लाभ केवल सही किसानों तक पहुंचे।