हिन्दुस्तान मिरर न्यूज:
अलीगढ़। दिल्ली धमाके में गिरफ्तार डॉ. शाहीन की पूछताछ के बाद हाथरस और अलीगढ़ में तब्लीगी जमात की बैठकों को लेकर खुफिया एजेंसियां सक्रिय हो गई हैं। हालांकि किसी भी आधिकारिक रिकॉर्ड में डॉ. शाहीन का नाम दर्ज नहीं मिला, लेकिन एजेंसियां पिछले वर्षों में हुई जमातों के सभी दस्तावेज खंगाल रही हैं। सूत्रों के अनुसार जिले में विभिन्न स्थानों पर जमात हुई थीं, जिनकी जानकारी पहले एजेंसियों को दी जाती थी—जैसे नेतृत्व कौन करेगा, कितने लोग शामिल होंगे और किन विषयों पर चर्चा होगी।
जांच में यह भी देखा जा रहा है कि शाहीन का भाई डॉ. परवेज कहीं अलीगढ़ आया था या नहीं। आगरा में पढ़ाई के दौरान परवेज ने स्थानीय लोगों से संपर्क बनाया था और उसके संभावित संपर्कों की भी जांच की जा रही है। एसएसपी नीरज कुमार जादौन ने बताया कि किसी भी एजेंसी ने आधिकारिक रूप से संपर्क नहीं किया है, फिर भी पुलिस सतर्क है।
इधर, जिले में किरायेदारों का सत्यापन भी तेज कर दिया गया है। हजारों की संख्या में किरायेदार बिना सत्यापन के रह रहे हैं, जिनमें कई आपराधिक गतिविधियों से जुड़े पाए गए। पूर्व में गिरफ्तार अधिकांश संदिग्ध आतंकी भी किराये पर ठहरते थे। विशेष रूप से कोतवाली नगर क्षेत्र के मकदूम नगर में 20 से अधिक रोहिंग्या परिवार रहते हैं, जिन पर पुलिस नजर बनाए हुए है और समस्त किरायेदारों का सत्यापन अभियान जारी है।















