हिन्दुस्तान मिरर न्यूज:
पाकिस्तान की राजनीतिक हलचल एक बार फिर चरम पर है। पूर्व प्रधानमंत्री और पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (PTI) के संस्थापक इमरान खान के समर्थन में देशभर में उग्र विरोध प्रदर्शन देखे जा रहे हैं। रावलपिंडी स्थित अदियाला जेल के बाहर देर रात हजारों की भीड़ जमा हो गई, जिनकी मुख्य मांग इमरान खान से परिवार और पार्टी नेताओं की मुलाकात बहाल करने की थी। माहौल इतना तनावपूर्ण हो गया कि पुलिस बल की अतिरिक्त तैनाती करनी पड़ी।
नूरीन नियाज़ी के गंभीर आरोपों से भड़का माहौल
इमरान खान की बहन नूरीन नियाज़ी ने मौजूदा पाकिस्तान सरकार, सेना और मीडिया पर बेहद गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने कहा कि सरकार जनता का भरोसा खो चुकी है और “धांधली के दम पर” सत्ता में बनी हुई है। नूरीन ने दावा किया कि मीडिया पर “हिटलर जैसी सेंसरशिप” लागू है, जहां पत्रकारों को डराया-धमकाया जा रहा है, और असहमति पर लोगों को जेल में डाल दिया जाता है।
उनका आरोप है कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय, विशेषकर अमेरिका और इंग्लैंड, पाकिस्तान में मानवाधिकार उल्लंघन देखते हुए भी चुप हैं। उन्होंने यहां तक कहा कि “डोनाल्ड ट्रंप जैसे बड़े नेताओं ने भी पाकिस्तानी आर्मी चीफ जनरल आसिम मुनीर का समर्थन किया है।”
‘चार हफ्तों से मुलाकात नहीं’ — परिवार की बड़ी चिंता
इमरान खान की सुरक्षा और स्वास्थ्य को लेकर भी बड़ा विवाद खड़ा हो गया है। नूरीन नियाज़ी ने बताया कि पिछले चार हफ्तों से परिवार को इमरान खान से मिलने नहीं दिया गया। उनका कहना है कि उन्हें सोशल मीडिया और भारत से आई खबरों के माध्यम से ही यह पता चला कि इमरान खान की “हत्या की साजिश” की अफवाहें फैल रही हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि पुलिस को सख्त निर्देश दिए गए हैं कि वे परिवार को जेल तक न जाने दें और मनमानी करें।
इमरान खान के बेटे क़ासिम खान ने भी सोशल मीडिया पर चेतावनी देते हुए कहा है कि अगर उनके पिता को कोई नुकसान हुआ तो जिम्मेदार सिर्फ सरकार और जेल प्रशासन होगा।
अदियाला जेल के बाहर समर्थकों का जमावड़ा
पीटीआई समर्थकों की भारी भीड़ रातभर अदियाला जेल के बाहर डटी रही। भीड़ में आम लोगों के साथ पीटीआई के कई सांसद, नेता और खैबर पख्तूनख्वा के मुख्यमंत्री सोहैल अफरीदी भी शामिल थे। अफरीदी ने सरकार को चेतावनी दी कि अगर इमरान खान तक पहुंच बहाल नहीं की गई तो पाकिस्तान बड़े पैमाने पर जन आंदोलन देखेगा।
जेल के बाहर प्रदर्शनकारियों ने सेना प्रमुख और प्रधानमंत्री के खिलाफ नारेबाजी की —
“असीम सुन ले आज़ादी… शहबाज़ भी सुन ले आज़ादी…”
विदेशी समर्थन और सत्ता संघर्ष के आरोप
नूरीन नियाज़ी ने दावा किया कि मौजूदा प्रधानमंत्री शहबाज़ शरीफ अपनी सीट हार गए थे, लेकिन उन्हें सेना द्वारा जीताया गया। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान में अब वास्तविक ताकत सेना के पास है, और इतिहास गवाह है कि तानाशाह कभी सुरक्षित अंत तक नहीं पहुंचे।
इमरान खान के समर्थकों का उबाल अब खुले सड़क प्रदर्शन में बदल चुका है। जेल में मुलाकात पर रोक, बढ़ती सेंसरशिप और सेना के हस्तक्षेप के आरोपों ने पाकिस्तान की सियासत को और विस्फोटक बना दिया है। आने वाले दिनों में स्थिति और उग्र हो सकती है।













