हिन्दुस्तान मिरर न्यूज:
दक्षिण-पूर्व एशिया के तीन देशों—इंडोनेशिया, थाईलैंड और मलेशिया—में लगातार हो रही भारी बारिश और भूस्खलन ने व्यापक तबाही मचा दी है। मलक्का स्ट्रेट में बने एक दुर्लभ ट्रॉपिकल तूफान ने इन देशों में एक सप्ताह तक तेज हवाओं और मूसलाधार बारिश का सिलसिला बरकरार रखा। आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, इन तीन देशों में अब तक 500 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि लाखों लोग प्रभावित हैं।
इंडोनेशिया में सबसे ज्यादा तबाही हुई है, जहां 336 लोगों की मौत की पुष्टि हुई है। पश्चिमी सुमात्रा के कई इलाकों में सड़क मार्ग पूरी तरह अवरुद्ध होने के कारण राहत दल हेलीकॉप्टरों की मदद से दूरदराज के गांवों में फंसे लोगों तक पहुंच रहे हैं। तीन प्रांतों में भारी भूस्खलन और बाढ़ से हालात अत्यधिक गंभीर बने हुए हैं। सरकार के अनुसार, 289 लोग अब भी लापता हैं और 2.13 लाख से अधिक लोग बेघर हो गए हैं। कई क्षेत्रों में सप्लाई लाइनें टूटने के कारण लोग खाने-पीने की चीज़ें तक लूटने को मजबूर हो गए हैं।

थाईलैंड में भी हालात समान रूप से भयावह हैं। दक्षिणी हिस्सों में बाढ़ से मरने वालों की संख्या बढ़कर 170 हो गई है, जबकि 100 से अधिक लोग घायल हैं। सोंगखला के हाट याई शहर में पिछले सप्ताह 335 मिमी बारिश दर्ज की गई, जो पिछले 300 वर्षों में एक दिन में हुई सबसे ज्यादा वर्षा बताई जा रही है। लगातार कई दिनों तक जारी बारिश से निचले इलाकों में पानी भर गया, जिससे हजारों लोग बेघर हो गए हैं।
मलेशिया में भी बाढ़ ने व्यापक नुकसान पहुंचाया है। राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन एजेंसी के मुताबिक, अभी भी लगभग 24,500 लोग राहत शिविरों में रह रहे हैं। हालांकि मौसम विभाग ने उष्णकटिबंधीय तूफान की चेतावनी हटा ली है और आने वाले दिनों में मौसम के सुधरने की संभावना जताई है, लेकिन कई क्षेत्र अब भी जलभराव की चपेट में हैं।
उधर, बंगाल की खाड़ी के पार श्रीलंका भी प्राकृतिक आपदा से बुरी तरह प्रभावित हुआ है। देश में आए चक्रवात से 153 लोगों की मौत हो गई, जबकि 191 लोग अभी भी लापता हैं। कुल मिलाकर पांच लाख से अधिक लोग प्रभावित हुए हैं।
तेज हवाओं, भारी बारिश और भूस्खलन के कारण दक्षिण-पूर्व एशिया के इन देशों में बड़े पैमाने पर जन-जीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। राहत और बचाव कार्य लगातार जारी हैं, लेकिन कई इलाकों तक पहुँच अभी भी चुनौती बनी हुई है।
















