हिन्दुस्तान मिरर न्यूज़: 9 अप्रैल: 2025:
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की मौद्रिक नीति समिति की हालिया बैठक में UPI (यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस) से जुड़े नियमों में बड़ा बदलाव किया गया है। यह फैसला डिजिटल पेमेंट्स को और अधिक सुरक्षित, लचीला और व्यवसायों के लिए लाभकारी बनाने के उद्देश्य से लिया गया है।
NPCI को मिला नई ज़िम्मेदारी
अब से दुकानदारों (P2M – Person to Merchant) द्वारा किए जाने वाले UPI लेनदेन की सीमा तय करने का अधिकार NPCI (नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया) को सौंप दिया गया है। इससे यह उम्मीद की जा रही है कि व्यापारिक लेनदेन के लिहाज़ से अधिक उपयुक्त और व्यवहारिक भुगतान सीमाएं निर्धारित की जा सकेंगी।
कुछ क्षेत्रों में बढ़ी UPI लिमिट
RBI ने कुछ विशेष क्षेत्रों में UPI भुगतान की अधिकतम सीमा को बढ़ाने का फैसला भी लिया है। अब निम्नलिखित सेवाओं के लिए UPI के माध्यम से ₹5 लाख तक का भुगतान किया जा सकता है:
- सरकारी टैक्स का भुगतान
- अस्पतालों में इलाज का खर्च
- IPO (Initial Public Offering) में निवेश
P2P ट्रांजैक्शन की सीमा यथावत
हालांकि, P2P (Peer to Peer) लेनदेन की सीमा अभी भी ₹1 लाख पर ही बनी रहेगी। इससे व्यक्तिगत लेनदेन की पारदर्शिता और नियंत्रण बना रहेगा।