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“अरन्या प्रोजेक्ट” में बड़ा घोटाला: ईडी ने ‘उन्नति ग्रुप’ के ठिकानों पर मारा छापा, 522 करोड़ की धोखाधड़ी का खुलासा

19 अप्रैल 2025 | हिन्दुस्तान मिरर

लखनऊ: प्रवर्तन निदेशालय (ED) की लखनऊ जोनल टीम ने 17 अप्रैल 2025 को मनी लॉन्ड्रिंग रोकथाम अधिनियम (PMLA), 2002 के तहत बड़ी कार्रवाई करते हुए नोएडा, आगरा, मेरठ और दिल्ली में स्थित 8 ठिकानों पर छापेमारी की। यह कार्रवाई ‘उन्नति फॉर्च्यून होल्डिंग्स लिमिटेड’ (UFHL) और इसके निदेशक अनिल मित्थस के खिलाफ की गई, जिन पर 522.90 करोड़ रुपये के हाउसिंग फ्रॉड का आरोप है।

ED की जांच यूपी पुलिस और दिल्ली आर्थिक अपराध शाखा (EOW) द्वारा दर्ज एफआईआर के आधार पर शुरू की गई थी। इन एफआईआर में कंपनी, प्रमोटर्स और अन्य के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं के तहत धोखाधड़ी और आपराधिक साजिश के मामले दर्ज हैं।

जांच में सामने आया कि UFHL ने नोएडा के सेक्टर-119 में “अरन्या” नामक आवासीय और वाणिज्यिक प्रोजेक्ट के लिए वर्ष 2012 से 2019 के बीच हज़ारों खरीदारों से 522.90 करोड़ रुपये जमा किए। लेकिन यह प्रोजेक्ट निर्धारित समय पर पूरा नहीं हुआ और खरीदारों को ठगा हुआ महसूस होने लगा। उन्होंने यूपी-रेरा, पुलिस और अन्य मंचों पर शिकायतें दर्ज कराईं।

इस बीच कंपनी ने वित्तीय ऋणदाताओं को भुगतान करने में चूक की, जिससे मामला नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (NCLT), दिल्ली में पहुंचा। यह दिवालिया प्रक्रिया आज भी लंबित है, जिससे घर खरीदारों पर अतिरिक्त वित्तीय बोझ आ गया है।

प्रवर्तन निदेशालय की छानबीन में पाया गया कि अनिल मित्थस ने कंपनी के प्रमोटर के रूप में भारी धनराशि को फर्जी कंपनियों, शेल कंपनियों और अन्य गैर-संबंधित संस्थाओं में डायवर्ट किया। यह रकम फर्जी लोन, शेयर प्रीमियम, एडवांस पेमेंट और डिपॉजिट के नाम पर भेजी गई। अधिकांश कंपनियाँ बंद हो चुकी थीं या बिज़नेस में सक्रिय नहीं थीं, जिससे प्रोजेक्ट अधर में लटक गया।

UP-RERA के निर्देश पर ‘करी एंड ब्राउन’ और इन्सॉल्वेंसी रिज़ॉल्यूशन प्रोफेशनल (IRP) के निर्देश पर ‘BDO इंडिया LLP’ द्वारा तैयार की गई ऑडिट रिपोर्टों में इस गबन और धन के डायवर्जन की पुष्टि की गई है। इतना ही नहीं, कई एफआईआर में यह भी सामने आया है कि एक ही फ्लैट को कई खरीदारों को धोखाधड़ी से बेचा गया।

ईडी ने अनिल मित्थस और उनकी कंपनियों द्वारा किए गए संगठित वित्तीय अपराध को IPC की धारा 420 (धोखाधड़ी) और 120-B (आपराधिक साजिश) के तहत दर्ज किया है। इस धोखाधड़ी ने सैकड़ों परिवारों को आर्थिक नुकसान पहुंचाया और उनके सपनों के घर अधूरे रह गए।

ईडी ने अनिल मित्थस की 7 दिन की हिरासत लेकर उनसे पूछताछ शुरू कर दी है। छापेमारी में कई डिजिटल साक्ष्य, सेल डीड्स और निवेश से संबंधित दस्तावेज जब्त किए गए हैं, जिनका विश्लेषण जारी है।

जांच अभी जारी है और आने वाले दिनों में इस घोटाले से जुड़े और भी बड़े खुलासे हो सकते हैं।

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