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लखनऊ में फर्जी प्रश्नपत्र गिरोह का भंडाफोड़: असिस्टेंट प्रोफेसर परीक्षा घोटाले में तीन गिरफ्तार, 12 लाख नकद बरामद

हिन्दुस्तान मिरर न्यूज़: 21अप्रैल: 2025,

शिक्षा माफियाओं पर एसटीएफ की सर्जिकल स्ट्राइक, यूपी में भर्ती परीक्षाओं की पारदर्शिता पर फिर उठे सवाल

लखनऊ: उत्तर प्रदेश स्पेशल टास्क फोर्स (STF) ने रविवार को एक बड़े फर्जीवाड़े का खुलासा किया है। असिस्टेंट प्रोफेसर भर्ती परीक्षा में नकली प्रश्नपत्र देकर अभ्यर्थियों से लाखों रुपये ठगने वाले एक संगठित गिरोह के तीन सदस्यों को लखनऊ से गिरफ्तार किया गया है। गिरफ्तार किए गए आरोपी अयोध्या जनपद के निवासी हैं और इनकी पहचान बैजनाथ पाल, विनय पाल और महबूब अली के रूप में हुई है।

गिरफ्तारी का पूरा घटनाक्रम

एसटीएफ को एक गुप्त सूचना मिली थी कि लखनऊ के वेव मॉल के पास कुछ लोग पैसे और पेपर से जुड़े विवाद को लेकर आपस में झगड़ रहे हैं। इस पर त्वरित कार्रवाई करते हुए एसटीएफ की टीम ने विभूतिखंड थाना क्षेत्र के पॉलिटेक्निक ओवरब्रिज के पास सुबह 10:42 बजे तीनों आरोपियों को धर दबोचा।

क्या था पूरा खेल?

मुख्य आरोपी बैजनाथ पाल गोंडा के एक डिग्री कॉलेज में असिस्टेंट प्रोफेसर है। उसने अपने भाई विनय पाल के जरिए कपिल नामक एक अभ्यर्थी को फर्जी प्रश्नपत्र रटवाया था। जब परीक्षा में वह प्रश्न नहीं आए, तो अभ्यर्थियों ने विरोध शुरू कर दिया। मामले को दबाने के लिए सबूत मिटाने की नीयत से प्रश्नपत्र को जला दिया गया।

पूछताछ में पता चला कि आरोपियों ने दो अभ्यर्थियों से पहले ही 12 लाख रुपये वसूल लिए थे, जबकि प्रत्येक अभ्यर्थी से 35 लाख रुपये तक की डील तय की गई थी।

बरामद सामान में शामिल:

  • ₹12,00,000 नकद
  • ₹5,740 जामा तलाशी से
  • 2 एडमिट कार्ड
  • 3 आधार कार्ड
  • 3 मोबाइल फोन
  • 1 वैगनआर कार

भर्ती परीक्षाओं में लगातार हो रहे फर्जीवाड़े

यह मामला एक बार फिर उत्तर प्रदेश की सरकारी भर्ती परीक्षाओं में व्याप्त भ्रष्टाचार और पेपर लीक माफिया की पोल खोलता है। इससे पहले भी UPTET, UP Police, और PET जैसी परीक्षाओं में पेपर लीक की घटनाएं सामने आ चुकी हैं, जिससे लाखों छात्रों का भविष्य प्रभावित हुआ है।

सरकार की सख्ती

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पहले ही स्पष्ट कर चुके हैं कि परीक्षा की पारदर्शिता से किसी भी कीमत पर समझौता नहीं किया जाएगा। एसटीएफ की यह कार्रवाई सरकार की उसी नीति की पुष्टि करती है।

आगे की कार्रवाई

तीनों आरोपियों के खिलाफ विभूतिखंड थाने में बीएनएस की संबंधित धाराओं में मुकदमा दर्ज कर लिया गया है और आगे की कानूनी कार्रवाई जारी है।

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