हिन्दुस्तान मिरर न्यूज़: 27 अप्रैल: 2025,
आंध्र प्रदेश में चल रहे एक बड़े शराब घोटाले में विशेष जांच दल (एसआईटी) ने पूर्व मुख्यमंत्री वाईएस जगन मोहन रेड्डी पर गंभीर आरोप लगाए हैं। एसआईटी ने दावा किया है कि जगन मोहन रेड्डी ने कासिरेड्डी राज शेखर रेड्डी को शराब नीति तैयार करने की इजाजत दी थी, जिससे राज्य के लिए हर महीने 60 करोड़ रुपये की रिश्वत वसूली होती थी।
एसआईटी की रिमांड रिपोर्ट का खुलासा:
एसआईटी की रिपोर्ट के मुताबिक, राज शेखर रेड्डी ने कबूल किया है कि उन्होंने वाईएस जगन मोहन रेड्डी के निर्देश पर शराब नीति तैयार की थी। इस नीति के तहत राज्य सरकार को अधिक राजस्व हासिल करने के साथ-साथ कल्याणकारी योजनाओं के लिए पैसा उगाहने का अवसर मिला। इसके अलावा, इस नीति से वाईएसआर कांग्रेस पार्टी को भी फंडिंग प्राप्त होती थी।
शराब नीति से जुड़े अन्य खुलासे:
एसआईटी के अनुसार, राज शेखर रेड्डी ने शराब की एक विशेष ब्रांड को बढ़ावा देने के लिए काम किया था, जिसमें ‘ब्लू-आइड ब्रांड्स’ का नाम लिया गया। इसके तहत प्रत्येक महीने 60 करोड़ रुपये तक की रिश्वत वसूली जाती थी। इस घोटाले में सेवानिवृत्त आईएएस अधिकारी धनुंजय रेड्डी सहित अन्य व्यक्तियों के नाम भी सामने आए हैं।
वाईएसआर कांग्रेस का पलटवार:
हालांकि, वाईएसआर कांग्रेस ने इन आरोपों को पूरी तरह से खारिज कर दिया है। पार्टी ने कहा कि यह आरोप राजनीति से प्रेरित हैं और वर्तमान राजग सरकार विपक्षी नेताओं के खिलाफ साजिश के तहत शराब घोटाले का आरोप लगा रही है।
यह मामला आंध्र प्रदेश की राजनीति में एक नया मोड़ लेकर आया है और इसके प्रभाव को राज्य की राजनीति में महसूस किया जा सकता है।