हिन्दुस्तान मिरर न्यूज़ ✑15 मई : 2025
नई दिल्ली/इस्लामाबाद:
एक बार फिर पाकिस्तान का चाल, चरित्र और चेहरा पूरी दुनिया के सामने बेनकाब हो गया है। भारत द्वारा पाकिस्तान के आतंकी अड्डों पर की गई सटीक और असरदार कार्रवाई के बाद वहां की सरकार की हालत ऐसी हो गई कि उसके मंत्री खुद आतंकियों से माफी मांगने पहुंच गए। पाकिस्तान, जो हमेशा खुद को आतंकवाद का पीड़ित बताने की कोशिश करता रहा है, अब उसी आतंकवाद के साथ अपनी गहरी साठगांठ को छिपा नहीं पा रहा।
हाल ही में भारत ने एक निर्णायक कदम उठाते हुए पाकिस्तान की सीमा में मौजूद आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया। सैटेलाइट तस्वीरों और खुफिया रिपोर्ट्स की पुष्टि के अनुसार, भारतीय वायुसेना ने विशेष रूप से पाकिस्तानी सैन्य ठिकानों और एयरफील्ड्स को लक्ष्य बनाया। इस हमले में कई आतंकी प्रशिक्षण शिविर तबाह हो गए।
दूसरी ओर, पाकिस्तान द्वारा किए गए जवाबी हमलों के दावों को सैटेलाइट तस्वीरों ने झूठा साबित कर दिया। भारत के सैन्य अड्डों पर किसी प्रकार का गंभीर नुकसान नहीं हुआ, जिससे साफ जाहिर होता है कि पाकिस्तान के दावे सिर्फ एक दिखावा थे।
इस हमले के बाद पाकिस्तान की सरकार की जो प्रतिक्रिया सामने आई, वह बेहद चौंकाने वाली थी। पाकिस्तान के उद्योग मंत्री राणा तनवीर हुसैन खुलेआम लश्कर-ए-तैयबा के वरिष्ठ कमांडर मुज़म्मिल इक़बाल हाशमी से मिलने पहुंचे। रिपोर्ट्स के मुताबिक, उन्होंने न सिर्फ माफ़ी मांगी, बल्कि मुरीदके में लश्कर के तबाह हुए कैंप को दोबारा सरकारी खर्चे पर बनाने का वादा भी किया।
यह वही मुज़म्मिल हाशमी है जिसे अंतरराष्ट्रीय मंचों पर “ग्लोबल टेररिस्ट” घोषित किया जा चुका है। हद तो तब हो गई जब इसी आतंकी ने भारत से फरार और कट्टरपंथी प्रचारक ज़ाकिर नाइक का लाहौर में भव्य स्वागत किया।
जहां एक ओर पाकिस्तान आर्थिक संकट से जूझ रहा है और इंटरनेशनल मॉनिटरी फंड (IMF) से करोड़ों डॉलर का लोन हासिल करने में लगा है, वहीं दूसरी ओर उस पैसे का इस्तेमाल आतंकी नेटवर्क को फिर से खड़ा करने में किया जा रहा है। यह साफ दर्शाता है कि पाकिस्तान की प्राथमिकता में आर्थिक सुधार नहीं, बल्कि आतंकवाद का पोषण पहले है।
अंतरराष्ट्रीय मीडिया ने भी अब पाकिस्तान की असलियत को बेनकाब करना शुरू कर दिया है। न्यूयॉर्क टाइम्स की ताज़ा रिपोर्ट में इस बात का खुलासा किया गया कि भारत ने अपने हमलों से पाकिस्तान को सटीक और बड़ा नुकसान पहुंचाया है। रिपोर्ट में यह भी बताया गया कि पाकिस्तान के दावे सिर्फ प्रचार का हिस्सा हैं, जिनका कोई ठोस आधार नहीं है।
पाकिस्तान खुद को आतंकवाद से पीड़ित बताता रहा है, लेकिन उसकी नीतियों और कदमों से साफ हो चुका है कि वह आतंकियों का सबसे बड़ा संरक्षक बन चुका है। अंतरराष्ट्रीय समुदाय की आलोचनाओं के बावजूद पाकिस्तान का झुकाव आतंकियों की ओर और अधिक बढ़ता जा रहा है, जो क्षेत्रीय और वैश्विक शांति के लिए गंभीर खतरा है।