राज्यमंत्री धर्मवीर प्रजापति हुए शामिल, समाज की एकता व शिक्षा पर दिया बल
अलीगढ़।
प्रथम महाराजा दक्ष प्रजापति जी की जयंती के पावन अवसर पर अलीगढ़ में एक भव्य शोभायात्रा का आयोजन हुआ, जिसने नगरवासियों को सनातन संस्कृति की गौरवशाली परंपरा से जोड़ दिया। यह आयोजन रामलीला मैदान से शुरू होकर शहर के प्रमुख मार्गों से होता हुआ सम्पन्न हुआ। शोभायात्रा में श्रद्धा, आस्था और भक्ति का अद्वितीय संगम देखने को मिला।
धार्मिक रीति-रिवाजों के साथ हुई शुरुआत
शोभायात्रा की शुरुआत वैदिक मंत्रोच्चार और विधिवत पूजा-अर्चना के साथ की गई। पूजन के दौरान उपस्थित लोगों ने महाराजा दक्ष प्रजापति के जीवन, तप और समाज निर्माण में उनके योगदान को श्रद्धापूर्वक स्मरण किया। आयोजन का मुख्य उद्देश्य समाज में उनके आदर्शों को जाग्रत करना और नई पीढ़ी को उनके संस्कारों से जोड़ना रहा।
सुसज्जित झांकियों और भक्ति संगीत ने मोहा मन
शोभायात्रा में रंग-बिरंगी पारंपरिक वेशभूषा में सजे लोग, भव्य झांकियां, ढोल-नगाड़े और बैंड-बाजे शामिल थे। झांकियों में महाराजा दक्ष प्रजापति के जीवन प्रसंगों को जीवंत रूप में प्रस्तुत किया गया, जिसने दर्शकों को अत्यंत प्रभावित किया। यात्रा के दौरान भक्ति गीत, नृत्य और सांस्कृतिक प्रस्तुतियों ने माहौल को और भी आध्यात्मिक बना दिया।

मुख्य अतिथि के रूप में पहुंचे धर्मवीर प्रजापति
इस अवसर पर उत्तर प्रदेश सरकार के राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) मा. धर्मवीर प्रजापति बतौर मुख्य अतिथि उपस्थित रहे। उन्होंने शोभायात्रा में शामिल होकर आयोजन को गौरवशाली बनाया। अपने उद्बोधन में मंत्री धर्मवीर प्रजापति ने कहा कि महाराजा दक्ष प्रजापति सनातन धर्म और संस्कृति के महान स्तंभ थे। उनके विचारों और कर्मों से समाज को दिशा मिली है।
समाज की एकता और शिक्षा पर बल
मंत्री ने कहा कि आज के युग में हमें महाराजा दक्ष के विचारों को आत्मसात करने की आवश्यकता है। समाज की एकता, संगठन और शिक्षा ही विकास का मूल मंत्र है। उन्होंने युवाओं से आह्वान किया कि वे अपने इतिहास और परंपराओं को जानें और उन्हें आगे बढ़ाएं। उन्होंने समाज को आत्मनिर्भर बनाने के लिए शिक्षा और स्वावलंबन पर बल दिया।
समाज के लोगों की भागीदारी सराहनीय
इस आयोजन में समाज के सभी वर्गों की भागीदारी रही। पुरुष, महिलाएं, युवा और बच्चे बड़ी संख्या में यात्रा में शामिल हुए। जगह-जगह शोभायात्रा का स्वागत किया गया और श्रद्धालुओं ने पुष्पवर्षा कर भक्ति भाव प्रकट किया। कार्यक्रम के समापन पर प्रसाद वितरण किया गया।