हिन्दुस्तान मिरर न्यूज़: 29 अप्रैल: 2025,
लखनऊ: समाजवादी पार्टी (सपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले को लेकर केंद्र सरकार पर गंभीर सवाल खड़े किए हैं। उन्होंने पर्यटकों की सुरक्षा व्यवस्था पर चिंता जताते हुए भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और झारखंड के गोड्डा से भाजपा सांसद निशिकांत दुबे पर भी निशाना साधा है।
अखिलेश यादव ने सोशल मीडिया साइट ‘एक्स’ (पूर्व में ट्विटर) पर एक पोस्ट में लिखा, “पूछता है पहलगाम का पर्यटक:” और चार तीखे सवाल रखे:
- खतरों के बीच मेरी रक्षा करने वाला कोई वहाँ क्यों नहीं था?
आतंकवाद प्रभावित क्षेत्र में घूम रहे पर्यटकों की सुरक्षा का इंतज़ाम क्यों नाकाफी था, इस पर सवाल उठाते हुए उन्होंने व्यवस्था पर निशाना साधा। - सरकार ऐसे लोगों को चारों तरफ से सुरक्षा घेरा क्यों देती है जो बाद में ठग साबित होते हैं?
बिना नाम लिए कई वीवीआईपी और तथाकथित विशिष्ट व्यक्तियों की सुरक्षा पर सवाल उठाते हुए उन्होंने आरोप लगाया कि असली ज़रूरतमंद नागरिकों की बजाय ठगों को सुरक्षा दी जा रही है। - संवेदनशील इलाकों में बिना जाँच-पड़ताल के कोई कैसे सुरक्षा पा सकता है?
अखिलेश यादव ने सवाल उठाया कि क्या किसी को भी संवेदनशील इलाकों में कार्यक्रम आयोजित करने की इजाज़त सुरक्षा जाँच के बिना दी जा रही है? - जश्नजीवी भाजपाई निजी कार्यक्रमों में हजारों सुरक्षाकर्मी जुटाते हैं, लेकिन पर्यटकों को सुरक्षा क्यों नहीं?
सपा अध्यक्ष ने तंज कसते हुए कहा कि जब भाजपा नेता अपने निजी कार्यक्रम आयोजित करते हैं, तो हजारों सुरक्षाकर्मी तैनात किए जाते हैं, पर आम जनता और पर्यटकों की सुरक्षा की अनदेखी की जाती है। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि ऐसे लोग न्यायालय की अवमानना करते हैं और जिनका स्वयं का कोई वास्तविक अस्तित्व नहीं है।
अखिलेश यादव ने कहा कि यह सभी “अति गंभीर प्रश्न” हैं। उन्होंने यह भी लिखा कि, “जिन लोगों ने अपने प्रियजनों को खोया है, उन पर भले ही दबाव डालकर बयान बदलवाए जाएं, लेकिन भाजपाई याद रखें कि बयान बदलवाने से सच नहीं बदलता है।”
पृष्ठभूमि में बढ़ती राजनीतिक गरमाहट
गौरतलब है कि हाल ही में जम्मू-कश्मीर के पहलगाम इलाके में पर्यटकों पर हुए आतंकी हमले में कई लोग घायल हुए थे। इस घटना ने पूरे देश में सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए हैं। वहीं, सपा प्रमुख का यह बयान राजनीतिक हलकों में एक नई बहस को जन्म दे सकता है, खासकर ऐसे समय में जब देश में लोकसभा चुनाव का माहौल बना हुआ है।