हिन्दुस्तान मिरर न्यूज:
नई दिल्ली। सदस्य संख्या के हिसाब से देश ही नहीं दुनिया भर की सबसे बड़ी पार्टी का खिताब पा चुकी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में संगठनात्मक बदलाव की तैयारियां तेज हो गई हैं। सूत्रों के अनुसार बीते दिनों दिल्ली और लखनऊ में शीर्ष स्तर की कई महत्वपूर्ण बैठकें हुईं, जिनमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह, राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा, यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ सहित पार्टी और संघ के कई वरिष्ठ नेता मौजूद रहे। इन बैठकों के बाद राजनीतिक गलियारों में यह चर्चा जोर पकड़ रही है कि भाजपा आलाकमान ने नए राष्ट्रीय अध्यक्ष और यूपी प्रदेश अध्यक्ष का नाम तय कर लिया है। अब जल्द ही भाजपा नए राष्ट्रीय अध्यक्ष और यूपी के प्रदेश अध्यक्ष के इंतजार को खत्म कर सकती है। उम्मीद की जा रही है कि भाजपा 15 दिसंबर तक ऐलान कर सकती है। यदि किसी कारणवश 15 दिसंबर तक ऐलान नहीं हुआ तो फिर मामला खरमास के बाद तक लटक सकता हे। वर्ष 2026 में कई राज्यों के विधानसभा चुनाव होने हैं, ऐसे में कई नेताओं का मानना है कि इन चुनावों से पहले नए अध्यक्ष की नियुक्ति करना रणनीतिक रूप से फायदेमंद रहेगा।हालांकि, पार्टी ने इस संबंध में आधिकारिक तौर पर चुप्पी साध रखी है।

राष्ट्रीय अध्यक्ष की दौड़ में धर्मेंद्र समेत कई नेता, तीन महिला भी
बीजेपी अध्यक्ष पद के लिए कई नामों की चर्चा चल रही है। इसमें महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस, केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान, शिवराज सिंह चौहान, भूपेंद्र यादव और विनोद तावड़े प्रमुख दावेदार माने जा रहे हैं। महिला नेताओं में निर्मला सीतारमण, डी. पुरंदेश्वरी और वनति श्रीनिवासन के नाम भी सामने आए हैं।
विशेष रूप से धर्मेंद्र प्रधान को बिहार विधानसभा चुनाव में मिली बड़ी जीत के बाद रेस में सबसे आगे माना जा रहा है। वह बिहार चुनाव प्रभारी थे और उनकी रणनीति की काफी सराहना हुई थी।

उत्तर प्रदेश अध्यक्ष पर भी मुहर की अटकलें
हाल ही में संगठन महामंत्री बीएल संतोष के यूपी दौरे ने भी यूपी प्रदेश अध्यक्ष को लेकर चर्चाओं को हवा दी है। संतोष ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और आरएसएस के सह-सरकार्यवाह अरुण कुमार सहित कई वरिष्ठ नेताओं से मुलाकात की। माना जा रहा है कि यूपी भाजपा अध्यक्ष के नाम पर सहमति बन चुकी है और जल्द ही इसका ऐलान हो सकता है। हालांकि, इस पर अभी पार्टी की ओर से घोषणा का इंतजार है, जिससे अटकलों पर विराम लग सके।
बीजेपी के उच्चस्तरीय सूत्रों का दावा है कि आप ओबीसी फॉर्मूले की बात करें कई नेता दावेदारी की रेस में हैं , लेकिन डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य, स्वतंत्र देव सिंह, धर्मपाल सिंह और बीएल वर्मा का नाम सबसे ऊपर है। महिला की बात करें तो साध्वी निरंजन ज्योति की भी चर्चा ही। इन सभी की गैर-यादव ओबीसी वोट बैंक पर अच्छी पकड़ रखते हैं, इसलिए हाईकमान इन्हें भी गंभीरता से तौल रहा है।
इसी तरह दलित समाज के नेताओं की बात करें तो रामशंकर कठेरिया और एमएलसी विद्या सागर सोनकर के नाम चर्चा में हैं। दोनों अपने क्षेत्रों में मजबूत जनाधार रखते हैं और पार्टी की कोर राजनीतिक रणनीति में भी सक्रिय भूमिका निभाते रहे हैं।
ब्राह्मण वर्ग से दिनेश और पाठक भी चर्चा में
ब्राह्मण वर्ग में भी संभावित उम्मीदवारों की लिस्ट भले लंबी हो, लेकिन पूर्व डिप्टी सीएम और राज्यसभा सांसद डॉ. दिनेश शर्मा और विजय बहादुर पाठक को सबसे मजबूत दावेदार माना जा रहा है। संगठन और सरकार दोनों जगह उनके लंबे अनुभव को बड़ी पूंजी के रूप में देखा जा रहा है। इनके अलावा हरीश द्विवेदी भी ब्राह्मण चेहरे के रूप में रेस में हैं, जिनकी पहचान संगठनात्मक समझ और अनुशासित कार्यशैली के लिए है। हालांकि इन संभावित नामों से इतर भी कोई चौंकाने वाला नाम भी हो सकता है। अब देखना है कि भाजपा राष्ट्रीय अध्यक्ष और यूपी के प्रदेश अध्यक्ष के पद पर किसकी ताजपोशी करती













