श्रावण मास से लागू होगा नया नियम
प्रयागराज। यमुना तट पर स्थित प्राचीन श्री मनकामेश्वर महादेव मंदिर में अब श्रद्धालुओं को अभिषेक करने के लिए पारंपरिक परिधान पहनना अनिवार्य होगा। मंदिर प्रशासन ने निर्णय लिया है कि 11 जुलाई से आरंभ हो रहे श्रावण मास से पुरुषों को धोती-कुर्ता और महिलाओं को साड़ी या सलवार सूट पहनकर ही अभिषेक करने की अनुमति दी जाएगी। पैंट, जींस, स्कर्ट, हाफ पैंट या फटे कपड़े पहनकर आने वालों को पूजन की अनुमति नहीं दी जाएगी।
धोती के बिना नहीं होगा अभिषेक
मंदिर प्रशासन का स्पष्ट निर्देश है कि बिना धोती पहने कोई भी पुरुष श्रद्धालु अभिषेक नहीं कर सकेगा। यह नियम श्रावण मास के बाद भी स्थायी रूप से लागू रहेगा। पुरुष श्रद्धालु धोती के साथ शर्ट या कुर्ता पहन सकते हैं, जबकि महिलाओं को साड़ी या सलवार सूट पहनना अनिवार्य होगा।
मंदिर प्रशासन ने श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए धोती उपलब्ध कराने की व्यवस्था भी की है। यदि किसी श्रद्धालु के पास धोती नहीं है, तो मंदिर की ओर से नि:शुल्क धोती प्रदान की जाएगी, जिसे पूजन के बाद वापस करना होगा।
मंदिर प्रशासन का कहना है कि यह निर्णय धार्मिक परंपरा की मर्यादा और श्रद्धालुओं की सुरक्षा दोनों को ध्यान में रखते हुए लिया गया है। श्रावण मास में मंदिर में प्रतिदिन करीब 20 हजार श्रद्धालु पहुंचते हैं, जबकि सोमवार को यह संख्या 50 हजार के पार चली जाती है। पहले भी मंदिर परिसर में छेड़छाड़ व गहनों की छीना-झपटी जैसी घटनाएं सामने आई थीं, जिन्हें देखते हुए अमर्यादित पहनावे पर रोक लगाना जरूरी हो गया था।
“पवित्रता व परंपरा सर्वोपरि” – महंत श्रीधरानंद
मंदिर के महंत श्रीधरानंद ब्रह्मचारी ने कहा कि,
“आराध्य की पूजा में वस्त्र का विशेष महत्व होता है। पैंट-जींस जैसे पाश्चात्य परिधान सनातन संस्कृति का हिस्सा नहीं हैं। धोती पवित्र होती है, जिसे पहनकर पूजा करने से श्रद्धा और भक्ति की भावना स्वत: जागृत होती है।”