हिन्दुस्तान मिरर न्यूज
बरेली के फरीदपुर स्थित जिला सहकारी बैंक (कोऑपरेटिव बैंक) की शाखा में बड़ा वित्तीय घोटाला सामने आया है। बैंक के कुछ कर्मचारियों ने निष्क्रिय पड़े खातों को अवैध रूप से दोबारा सक्रिय कर लगभग 1.31 करोड़ रुपये की हेराफेरी कर डाली। यह राशि प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि जैसी सरकारी योजनाओं की थी, जो वास्तविक लाभार्थियों तक पहुंचने से पहले ही कर्मचारियों ने हड़प ली।
बैंक में हुई इस गड़बड़ी की भनक लगते ही विभागीय स्तर पर जांच शुरू की गई। प्रारंभिक रिपोर्ट में दो शाखा प्रबंधक और दो कैशियर की संलिप्तता सामने आई है। जांच में दोषी पाए जाने पर इन चारों को निलंबित कर दिया गया है। इन कर्मचारियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर दी गई है। दर्ज मामले में वर्तमान शाखा प्रबंधक मुकेश गंगवार, पूर्व प्रबंधक गौरव वर्मा, तथा कैशियर दीपक पांडे और चंद्रप्रकाश को नामजद किया गया है।
घोटाले का तरीका बेहद सुनियोजित था। कर्मचारियों ने उन खातों को निशाना बनाया जो लंबे समय से निष्क्रिय थे और जिन पर खाताधारकों की निगरानी नहीं थी। इन्हीं खातों में किसान सम्मान निधि व अन्य सरकारी योजनाओं की रकम आते ही फर्जी दस्तावेजों के जरिए उसे निकाल लिया गया। इस कृत्य को अंजाम देने के लिए बैंकिंग सिस्टम की तकनीकी खामियों और आंतरिक लापरवाही का फायदा उठाया गया।
फरीदपुर ब्रांच में घोटाले की पुष्टि के बाद जिला प्रशासन व सहकारिता विभाग गंभीर हो गया है। बरेली जिले की सभी कोऑपरेटिव बैंक शाखाओं में जांच बैठा दी गई है। इस बात की आशंका जताई जा रही है कि अन्य शाखाओं में भी इसी तरह के फर्जीवाड़े किए गए होंगे।
प्रशासन का कहना है कि दोषियों को किसी भी सूरत में बख्शा नहीं जाएगा और पूरे मामले की गहनता से जांच कर आगे की कानूनी कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी। वहीं दूसरी ओर, इस खुलासे के बाद किसानों और आम खाताधारकों में भारी आक्रोश है, क्योंकि यह मामला आमजन की मेहनत की कमाई और सरकारी सहायता के साथ धोखाधड़ी का है।