हिन्दुस्तान मिरर न्यूज:
बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के सभी चरणों की वोटिंग पूरी होने के बाद आए एग्जिट पोल्स ने एक बार फिर राजनीतिक हलचल बढ़ा दी है। लगभग सभी सर्वे के मुताबिक इस बार भी नीतीश-मोदी की एनडीए सरकार बनती नजर आ रही है, जबकि तेजस्वी यादव का महागठबंधन पिछड़ता दिख रहा है। पोल ऑफ पोल्स के अनुसार 243 सीटों में से एनडीए को 150 से अधिक, महागठबंधन को 80-85, जनसुराज को 0-5 और अन्य को करीब 6 सीटें मिलने का अनुमान है।
🔹 सवर्ण वोटर पूरी तरह NDA के साथ
मैटराइज (IANS-Matrize) एग्जिट पोल के मुताबिक 69% सवर्ण वोटरों ने मोदी-नीतीश गठबंधन को चुना, जबकि महागठबंधन को मात्र 15% वोट मिले। जनसुराज को 7% और अन्य दलों को 9% वोट गए। सवर्ण मतदाताओं का यह भरोसा NDA के पारंपरिक समर्थन को और मजबूत करता है।
🔹 ओबीसी बने NDA की जीत की रीढ़
बिहार की राजनीति में निर्णायक भूमिका निभाने वाले ओबीसी वोटरों में 51% ने NDA को वोट दिया, जबकि 39% ने महागठबंधन को चुना। जनसुराज को 4% और अन्य को 6% वोट मिले। नीतीश कुमार के व्यक्तिगत प्रभाव और विकास योजनाओं ने इस वर्ग में NDA की पकड़ को बनाए रखा है।
🔹 दलितों का रुझान भी NDA के पक्ष में
अनुसूचित जाति (SC) वर्ग में भी NDA को बढ़त मिली है। 49% दलित वोट NDA को, 38% महागठबंधन को, जबकि 5% जनसुराज और 8% अन्य को मिले। विश्लेषकों का मानना है कि नीतीश कुमार की “सात निश्चय योजना” और महिला सशक्तिकरण कार्यक्रमों ने गरीब और दलित तबकों को प्रभावित किया है।
🔹 मुस्लिम वोट महागठबंधन के साथ
हालांकि एग्जिट पोल बताते हैं कि मुस्लिम वोटरों में 72% ने महागठबंधन को समर्थन दिया, जबकि NDA को केवल 16% वोट मिले। यह वर्ग अब भी विपक्ष का मुख्य वोट बैंक बना हुआ है।
कुल मिलाकर, जातीय समीकरणों में NDA की स्थिति पहले से कहीं अधिक मजबूत नजर आ रही है।
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