हिन्दुस्तान मिरर न्यूज:
पैन कार्ड आज हर भारतीय नागरिक के लिए एक जरूरी दस्तावेज है। यह न सिर्फ पहचान का वैध प्रमाण है, बल्कि सभी वित्तीय और सरकारी सेवाओं में इसकी अहम भूमिका है। भारत सरकार ने लोगों की सुविधा के लिए पैन कार्ड का डिजिटल रूप—ई-पैन कार्ड—जारी किया है, जो फिजिकल कार्ड की तरह ही मान्य होता है। ई-पैन कार्ड आसानी से ऑनलाइन डाउनलोड किया जा सकता है। इसके लिए NSDL, UTIITSL और आयकर विभाग की ई-फाइलिंग वेबसाइट तीन प्रमुख विकल्प हैं। आइए जानते हैं पूरा प्रोसेस—

सबसे पहले, NSDL पोर्टल से ई-पैन डाउनलोड करने की सुविधा उन लोगों के लिए है जिन्होंने अपना पैन NSDL (प्रोटीन) पोर्टल के माध्यम से या डुप्लीकेट/रीप्रिंट के लिए आवेदन किया था। इसके लिए उपयोगकर्ता को आधिकारिक NSDL ई-पैन डाउनलोड पेज खोलना होगा। यहां पैन नंबर या एक्नॉलेजमेंट नंबर चुनने के बाद पैन/एक्नॉलेजमेंट नंबर, जन्म तिथि (MM/YYYY), आधार नंबर (अगर लागू हो) और कैप्चा कोड भरकर OTP जनरेट किया जाता है। OTP मोबाइल या ईमेल पर प्राप्त होता है। यदि पैन एक महीने से पहले जारी हुआ है, तो ₹8.26 का छोटा शुल्क देना होता है। सफल वेरिफिकेशन और भुगतान के बाद ई-पैन PDF फॉर्मेट में डाउनलोड किया जा सकता है, जिसका पासवर्ड आपकी DOB (DDMMYYYY) होती है।
इसके अलावा, आधार कार्ड के माध्यम से भी ई-पैन आसानी से डाउनलोड किया जा सकता है। यदि आपने आयकर विभाग की वेबसाइट से इंस्टेंट ई-पैन के लिए आवेदन किया है, तो e-Filing पोर्टल पर जाकर “इंस्टेंट e-PAN” में “Check Status/Download PAN” पर क्लिक करें। यहां आधार नंबर डालकर ओटीपी वेरिफिकेशन पूरा करने के बाद आप अपना ई-पैन तुरंत देख या डाउनलोड कर सकते हैं।
जो लोग UTIITSL पोर्टल से पैन के लिए आवेदन कर चुके हैं, वे इसी पोर्टल से ई-पैन डाउनलोड कर सकते हैं। इसके लिए आधिकारिक UTIITSL वेबसाइट पर जाकर पैन नंबर, जन्म तिथि, GSTIN (अगर लागू हो) और कैप्चा डालकर OTP जनरेट किया जाता है। OTP वेरिफिकेशन के बाद, यदि पैन 30 दिन पहले जारी हुआ है, तो ₹8.26 का शुल्क देना पड़ सकता है। इसके बाद आपके रजिस्टर्ड ईमेल पर ई-पैन डाउनलोड लिंक भेज दिया जाता है।
ई-पैन कार्ड की उपयोगिता बहुत व्यापक है। डिजिटल फॉर्मेट होने से यह आसानी से सुरक्षित रखा जा सकता है और कहीं भी जरूरत पड़ने पर तुरंत डाउनलोड कर इस्तेमाल किया जा सकता है। सरकारी योजनाओं, बैंकिंग, टैक्स फाइलिंग, निवेश और वित्तीय लेन-देन में यह एक महत्वपूर्ण दस्तावेज है। इसलिए हर नागरिक के पास इसका डिजिटल वर्जन होना लाभदायक है।
















