हिन्दुस्तान मिरर न्यूज़ ✑ 24 मई : 2025
विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर ने हाल ही में जर्मनी की राजधानी बर्लिन में एक महत्वपूर्ण अंतरराष्ट्रीय मंच पर पहलगाम आतंकवादी हमले और भारत की सुरक्षा रणनीति ‘ऑपरेशन सिंदूर’ पर विस्तार से बात की। इससे पहले उन्होंने जर्मन चांसलर और जर्मन विदेश मंत्री से भी मुलाकात की, जिसमें आतंकवाद के खिलाफ भारत की नीति और कूटनीतिक प्रयासों पर चर्चा की गई।
डॉ. जयशंकर ने स्पष्ट किया कि भारत आतंकवाद के मामले में जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाए हुए है और वह किसी भी प्रकार के न्यूक्लियर ब्लैकमेल के आगे नहीं झुकेगा। उन्होंने कहा, “जब आतंकवाद की बात आती है तो आज कोई भी देश नहीं है जो इस बात को स्वीकार करे कि आतंकवादी हमले जायज हैं। भारत को और उसके लोगों को सुरक्षा का अधिकार है, और दुनिया के ज्यादातर देश इस बात से सहमत हैं, जिनमें जर्मनी भी शामिल है।”
उन्होंने कहा कि 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए निर्दय आतंकी हमले का मकसद न केवल आतंक फैलाना था, बल्कि कश्मीर की पर्यटन अर्थव्यवस्था को पूरी तरह से तबाह करना और धार्मिक असहमति पैदा करना भी था। यह हमला जम्मू-कश्मीर ही नहीं, बल्कि पूरे भारत के लिए एक पैटर्न का हिस्सा है, जो पाकिस्तान द्वारा आतंकवाद को हथियार के रूप में इस्तेमाल करने की नीति का परिणाम है।
ऑपरेशन सिंदूर: आतंकवाद के खिलाफ निर्णायक कार्रवाई
जयशंकर ने बताया कि भारत ने इस हमले के जवाब में ‘ऑपरेशन सिंदूर’ शुरू किया, जिसमें आतंकवादी मुख्यालयों और ठिकानों को निशाना बनाया गया। इस ऑपरेशन के तहत पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर के नौ आतंकवादी ठिकानों पर मिसाइल और ड्रोन से सटीक हमले किए गए। यह ऑपरेशन भारत की ‘न्यू नॉर्मल’ नीति का हिस्सा है, जिसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने घोषित किया है। इसके तहत भारत ने स्पष्ट किया है कि किसी भी सीमा पार से आतंकवादी हमला भारत के खिलाफ युद्ध के समान माना जाएगा और इसका कड़ा जवाब दिया जाएगा।
डॉ. जयशंकर ने कहा, “जब हमने जवाब दिया, तो अंतरराष्ट्रीय स्तर पर इस कार्रवाई को काफी समझ मिली। यह ऑपरेशन आतंकवाद के खिलाफ है, न कि किसी देश के खिलाफ। आतंकवादी हमारे पड़ोसी देश से आते हैं, जो दशकों से आतंकवाद को एक रणनीतिक हथियार के रूप में इस्तेमाल कर रहा है।”
अंतरराष्ट्रीय समर्थन और भारत का आत्मरक्षा अधिकार
जयशंकर ने जर्मनी द्वारा भारत के आत्मरक्षा के अधिकार को मिली समर्थन की भी सराहना की। उन्होंने बताया कि जर्मन विदेश मंत्री और अन्य अंतरराष्ट्रीय नेता भारत के इस अधिकार को मान्यता देते हैं और आतंकवादी हमलों की कड़ी निंदा करते हैं। उन्होंने कहा, “भारत को अपना और अपने लोगों का बचाव करने का अधिकार है, और जब हम यह अधिकार प्रयोग करते हैं, तो हमें दुनिया के ज्यादातर देशों का समर्थन मिलता है।”
विदेश मंत्री ने यह भी कहा कि आतंकवाद को समाप्त करने के लिए भारत कूटनीतिक स्तर पर भी पाकिस्तान और उसके प्रायोजकों पर दबाव बढ़ा रहा है ताकि आतंकवाद के लिए शरणस्थल समाप्त किए जा सकें।
विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर के बयान से स्पष्ट है कि भारत आतंकवाद के खिलाफ सख्त रुख अपनाए हुए है। पहलगाम आतंकी हमले का जवाब भारत ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के जरिए दिया है, जो भारत की सुरक्षा नीति में बदलाव का प्रतीक है। साथ ही, भारत कूटनीतिक स्तर पर भी आतंकवाद को खत्म करने के लिए विश्व के साथ मिलकर काम कर रहा है।

















