हिन्दुस्तान मिरर न्यूज: 2अगस्त 2025
चुनाव आयोग और कांग्रेस नेता राहुल गांधी के बीच एक बार फिर टकराव हो गया है। इस बार आयोग ने राहुल गांधी के एक बयान को लेकर कड़ा रुख अपनाते हुए उन्हें मिसलीडिंग यानी भ्रामक जानकारी फैलाने का दोषी बताया है। आयोग ने साफ कहा कि राहुल बार-बार धमकाने और डराने की भाषा का इस्तेमाल कर रहे हैं, जो बेहद गैर-जिम्मेदाराना रवैया है।

राहुल गांधी ने क्या कहा था?
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने हाल ही में मतदाता पुनरीक्षण प्रक्रिया (SIR) को “वोट चोरी की साजिश” करार दिया था। उनका आरोप था कि इस प्रक्रिया में खुद चुनाव आयोग की भी मिलीभगत है। उन्होंने दावा किया कि उनके पास 100% सबूत हैं, जो इस बात को प्रमाणित करते हैं। उन्होंने कहा, “हमने 6 महीने तक जांच कराई है और जो सामने आया है, वह एटम बम जैसा है। आयोग में जो लोग इस प्रक्रिया में शामिल हैं, उन्हें छोड़ा नहीं जाएगा क्योंकि वे देश के खिलाफ काम कर रहे हैं।”
आयोग का पलटवार: सबूत कहां हैं?
चुनाव आयोग ने राहुल गांधी के इन बयानों को बेबुनियाद और तथ्यहीन बताया है। आयोग ने कहा कि अगर वाकई उनके पास इतने गंभीर प्रमाण हैं, तो उन्होंने अब तक कानूनी रूप से कोई कदम क्यों नहीं उठाया? आयोग ने यह भी स्पष्ट किया कि लोकसभा चुनाव 2024 के नतीजे आए एक साल से ज्यादा हो चुका है, और अब तक चुनाव परिणामों के खिलाफ कुल 10 याचिकाएं दायर की गई हैं, लेकिन कांग्रेस ने किसी भी सीट पर कोई आपत्ति नहीं जताई।
नामावली पर भी नहीं उठाई आपत्ति
चुनाव आयोग ने यह भी बताया कि निर्वाचक नामावली की प्रारूप और अंतिम सूची सभी राजनीतिक दलों को भेजी गई थी, जिसमें कांग्रेस भी शामिल थी। लेकिन कांग्रेस ने इस पर भी कोई आपत्ति नहीं जताई। आयोग का कहना है कि जब समय था तब कोई प्रतिक्रिया नहीं दी गई, और अब जनता को गुमराह करने की कोशिश की जा रही है।