हिन्दुस्तान मिरर न्यूज:
उत्तर प्रदेश सरकार तेजी से सार्वजनिक परिवहन को इलेक्ट्रिक मोड में बदलने की दिशा में काम कर रही है। लक्ष्य है कि 2030 तक पूरे प्रदेश के पब्लिक ट्रांसपोर्ट सिस्टम में डीजल वाहनों की संख्या कम करते हुए इलेक्ट्रिक वाहनों को प्राथमिकता दी जाए। फिलहाल राज्य में लगभग 800 इलेक्ट्रिक बसें संचालित हो रही हैं। आने वाले वर्षों में यह संख्या बढ़कर 8,000 तक पहुंचाने का लक्ष्य रखा गया है, जिसमें पीएम ई-बस सेवा के तहत 2,700 बसें शामिल होंगी। इसके लिए केंद्र और राज्य सरकार मिलकर इलेक्ट्रिक बसों का बेड़ा बढ़ाने की योजना पर काम कर रहे हैं। शहरी निकायों में इलेक्ट्रिक बस सेवा की शुरुआत हो चुकी है। इससे प्रदूषण कम होगा और यात्रियों को अधिक सुविधाजनक परिवहन उपलब्ध होगा।
इसी के साथ राज्य सरकार कृषि क्षेत्र में भी बड़ा कदम उठाने जा रही है। उद्यान एवं कृषि विपणन राज्यमंत्री दिनेश प्रताप सिंह ने कहा कि जहां यूपी में सिंघाड़े की खेती होती है, वहीं अब मखाना उत्पादन को भी बढ़ावा दिया जाएगा। केंद्र सरकार द्वारा वर्ष 2025 में राष्ट्रीय मखाना बोर्ड के गठन के बाद यूपी को उन 10 राज्यों में शामिल किया गया है, जहां मखाना विकास योजना लागू की जा रही है। इसके तहत किसानों को उच्च मूल्य वाली फसल से जुड़कर आय बढ़ाने में मदद मिलेगी। सरकार इसके लिए एक्सीलेंस सेंटर भी बनाने जा रही है, जो मखाना उत्पादन को वैज्ञानिक और आधुनिक तरीके से बढ़ावा देगा।
इसी बीच रेलवे ने खेल कोटे की भर्ती में महत्वपूर्ण बदलाव किया है। अब केवल खेल मंत्रालय से मान्यता प्राप्त खेल संघों द्वारा जारी प्रमाण पत्र ही मान्य होंगे। ऐसे संघों द्वारा आयोजित प्रतियोगिताओं में मिले मेडल और प्रमाण पत्र से ही रेलवे में खेल कोटे से नौकरी मिल सकेगी। रेलवे बोर्ड ने 24 नवंबर को सभी 17 रेलवे जोन को इस बदलाव की सूचना भेज दी है।
सरकार के ये कदम—परिवहन, कृषि और रोजगार—प्रदेश को विकसित उत्तर प्रदेश बनाने के लक्ष्य की दिशा में महत्वपूर्ण साबित होंगे।













