हिन्दुस्तान मिरर न्यूज़ ✑ बुधवार 28 मई 2025
प्रयागराज – उत्तर प्रदेश में 1.93 लाख प्राथमिक शिक्षकों की भर्ती को लेकर सरकार की ओर से किए गए ऐलान के बाद अब उसके सोशल मीडिया से हटाए जाने ने प्रदेशभर के प्रशिक्षित अभ्यर्थियों में भारी नाराजगी पैदा कर दी है। प्रयागराज में शिक्षा सेवा चयन आयोग के दफ्तर के बाहर सैकड़ों अभ्यर्थी धरने पर बैठे हैं और यह आंदोलन अब जोर पकड़ता जा रहा है।
हाल ही में उत्तर प्रदेश सरकार ने प्राथमिक विद्यालयों में लगभग 1.93 लाख शिक्षकों की भर्ती का ऐलान सोशल मीडिया के माध्यम से किया था। इस ऐलान से लाखों बेरोजगार डीएलएड प्रशिक्षित युवाओं में उम्मीद जगी थी कि अब उन्हें बहुप्रतीक्षित रोजगार मिलेगा। लेकिन सरकार द्वारा यह पोस्ट बाद में डिलीट कर दी गई, जिससे अभ्यर्थियों में रोष फैल गया।
अब अभ्यर्थी यह सवाल उठा रहे हैं कि सरकार ने बिना ठोस योजना के इतनी बड़ी भर्ती का ऐलान कैसे कर दिया और फिर बिना कोई सफाई दिए उसे हटा भी लिया। उनका कहना है कि यह बेरोजगार युवाओं के साथ एक गंभीर मजाक है।
प्रयागराज बना आंदोलन का केंद्र
शिक्षक भर्ती की मांग को लेकर अब प्रयागराज में शिक्षा सेवा चयन आयोग के बाहर आंदोलन शुरू हो गया है। उत्तर प्रदेश के अलग-अलग जिलों से अभ्यर्थी प्रयागराज पहुंच रहे हैं और धरने में शामिल हो रहे हैं। इन अभ्यर्थियों का साफ कहना है कि जब तक सरकार भर्ती की प्रक्रिया औपचारिक तौर पर शुरू नहीं करती, तब तक यह आंदोलन जारी रहेगा।
- भर्ती प्रक्रिया में देरी बंद की जाए और तुरंत विज्ञापन जारी किया जाए
- सोशल मीडिया से डिलीट किया गया भर्ती ऐलान फिर से सार्वजनिक किया जाए
- प्राथमिक विद्यालयों में रिक्त पदों पर पारदर्शी तरीके से भर्ती शुरू की जाए
- रिटायर हो रहे शिक्षकों के स्थान पर नई नियुक्तियों की योजना बनाई जाए
7 साल से बंद है प्राथमिक शिक्षक भर्ती:
अभ्यर्थियों का कहना है कि प्रदेश में बीते सात वर्षों से प्राथमिक शिक्षकों की नियमित भर्ती नहीं हुई है। जबकि हर साल हजारों शिक्षक रिटायर हो रहे हैं और डीएलएड प्रशिक्षण प्राप्त करने वाले लगभग 2.35 लाख युवा अभ्यर्थी बेरोजगार बैठे हैं। प्रशिक्षण पूरा होने के बावजूद नौकरी न मिलने से इनमें भारी तनाव है।
अभ्यर्थियों का कहना है कि अब केवल सरकार की ओर से “आश्वासन” नहीं, बल्कि लिखित और स्पष्ट “विज्ञापन” चाहिए। उनका यह भी आरोप है कि सरकार युवाओं को सिर्फ वादों से बहला रही है, जबकि असल में रोजगार देने को लेकर कोई ठोस नीति नहीं बनाई जा रही।
प्रयागराज में चल रहे इस धरने के और तेज होने की आशंका है। सोशल मीडिया पर भी यह मुद्दा ट्रेंड करने लगा है और शिक्षक भर्ती की मांग को लेकर विभिन्न संगठनों व छात्र संघों का समर्थन भी मिलने लगा है। अभ्यर्थियों ने यह साफ कर दिया है कि अगर उनकी मांगें नहीं मानी गईं, तो वे राज्यभर में आंदोलन को विस्तार देंगे।