हिन्दुस्तान मिरर न्यूज:
लंदन की सड़कों पर शनिवार (13 सितंबर) को लगभग 1.5 लाख लोगों का जनसैलाब उमड़ा। “यूनाइट द किंगडम” नामक इस रैली में युवाओं, कामगारों और सामाजिक संगठनों की भारी भागीदारी देखी गई। प्रदर्शन का मुख्य कारण शरणार्थियों को होटलों में ठहराने की नीति और बढ़ती एंटी-इमिग्रेशन भावनाएं थीं। आयोजक दूर-दराज के कार्यकर्ता टॉमी रोबिन्सन (असली नाम स्टीफन याक्सली-लेनन) थे, जो एंटी-इमिग्रेंट और एंटी-इस्लाम विचारों के लिए जाने जाते हैं।
प्रदर्शनकारियों ने “देश को वापस लेना है” जैसे नारे लगाए और प्रधानमंत्री कियेर स्टार्मर के खिलाफ आक्रोश जताया। कई लोगों ने ब्रिटेन का यूनियन फ्लैग, इंग्लैंड का सेंट जॉर्ज क्रॉस, अमेरिका और इजरायल के झंडे थाम रखे थे। कुछ प्रदर्शनकारी अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की पहचान बनी MAGA टोपी भी पहने दिखे। रैली के दौरान टेस्ला के मालिक एलन मस्क ने वीडियो लिंक के जरिए व्हाइटहॉल में मौजूद भीड़ को संबोधित किया।
हालांकि, प्रदर्शन हिंसक भी हो गया। पुलिस पर बोतलें और वस्तुएं फेंकी गईं, जिसमें चार पुलिसकर्मी गंभीर रूप से घायल हुए। अब तक 25 से अधिक गिरफ्तारियां हुईं और पुलिस ने चेतावनी दी कि शामिल लोगों पर कड़ी कार्रवाई होगी।
इस आंदोलन को तब और बल मिला जब एक इथियोपियाई शरणार्थी को 14 वर्षीय लड़की से यौन उत्पीड़न के मामले में दोषी ठहराया गया। इसके बाद इंग्लैंड में उन होटलों के बाहर भी प्रदर्शन शुरू हो गए, जहां शरणार्थियों को रखा गया था। रोबिन्सन ने इसे “देशभक्ति की एकता का अभूतपूर्व प्रदर्शन” करार दिया।