हिन्दुस्तान मिरर न्यूज:
भोपाल में रेलवे अधिकारियों और ठेकेदार कंपनी द्वारा बिना लिखित आदेश के 120 साल पुराने शिव मंदिर को तोड़े जाने से हड़कंप मच गया। घटना सोमवार को उस समय हुई जब रेलवे ने समदड़िया ग्रुप को लांड्री निर्माण का ठेका दिया था। मौके पर रेलवे, GRP, पुलिस और ठेकेदार कंपनी के अधिकारी मौजूद थे। मंदिर ध्वस्तीकरण के बाद क्षेत्र में तनाव फैल गया।
मंदिर के महंत रामभूषण दास ने आरोप लगाया कि पास की मजारों को नहीं तोड़ा गया, जिससे स्थानीय लोगों में असंतोष बढ़ा। उन्होंने बताया कि मंदिर की जमीन के कागजात और पुराने नक्शे मौजूद हैं, फिर भी बिना किसी लिखित आदेश के मंदिर को तोड़ दिया गया। घटना की जानकारी मिलते ही कई हिंदू संगठन मौके पर पहुंचे और विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया।
हिंदू संगठनों ने मांग की कि मंदिर का पुनर्निर्माण तत्काल शुरू किया जाए और जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ FIR दर्ज की जाए। विरोध बढ़ता देख रेलवे और ठेकेदार कंपनी के अधिकारियों ने गलती स्वीकार कर माफी मांगी, लेकिन संगठनों ने चेतावनी दी कि जब तक मंदिर का निर्माण दोबारा नहीं होता, आंदोलन जारी रहेगा। इस घटना से इलाके में भारी तनाव और सुरक्षा व्यवस्था बढ़ा दी गई है।













