मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की घोषणा: राज्य में लागू नहीं होगा वक्फ संशोधन कानून
हिन्दुस्तान मिरर न्यूज़: 13अप्रैल: 2025,
पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद जिले में केंद्र सरकार द्वारा पारित वक्फ (संशोधन) कानून के खिलाफ हो रहे विरोध प्रदर्शन ने हिंसक रूप ले लिया है। इस हिंसा में अब तक पिता-पुत्र सहित कम से कम तीन लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 150 से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया गया है। हिंसा के मद्देनजर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने साफ किया है कि यह कानून राज्य में लागू नहीं किया जाएगा।
ममता बनर्जी ने कहा, “यह कानून हमने नहीं बनाया, यह केंद्र सरकार का कानून है। हम इसका समर्थन नहीं करते और यह बंगाल में लागू नहीं होगा। तो फिर हिंसा क्यों?”
कोर्ट का सख्त रुख: अर्धसैनिक बलों की तैनाती का आदेश
कोलकाता हाई कोर्ट की न्यायमूर्ति सौमेन सेन की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने राज्य में कानून-व्यवस्था की बिगड़ती स्थिति को गंभीर मानते हुए कहा, “जब हालात ऐसे हों तो अदालत आंखें मूंद नहीं सकती।” अदालत ने केंद्र और राज्य सरकार को 17 अप्रैल तक स्थिति की विस्तृत रिपोर्ट सौंपने का निर्देश दिया है। कोर्ट के आदेश पर हिंसाग्रस्त क्षेत्रों में केंद्रीय अर्धसैनिक बल (CAPF) की तैनाती की जा रही है।
अर्धसैनिक बलों की तैनाती और सुरक्षा इंतजाम
फिलहाल हिंसा प्रभावित इलाकों में करीब 800 अर्धसैनिक बल के जवान तैनात किए जा चुके हैं। जल्द ही 1600 जवानों की अतिरिक्त तैनाती की जाएगी। केंद्र सरकार ने राज्य सरकार के अनुरोध पर पांच अतिरिक्त कंपनियां मुर्शिदाबाद भेजी हैं। गृह मंत्रालय ने बताया कि हालात पर बारीकी से नजर रखी जा रही है।
हिंसा की घटनाएं: हत्या, आगजनी और गोलीबारी
शमशेरगंज के जाफराबाद में एक घर से एक पिता और पुत्र के शव मिले जिन पर चाकुओं से हमला किया गया था। परिवार ने लूटपाट के बाद हत्या का आरोप लगाया है। सुती में साजुर मोड़ पर हुई झड़प में एक 21 वर्षीय युवक को गोली लगी, जिसकी बाद में मौत हो गई। धुलियान में बीड़ी फैक्ट्री के दो श्रमिकों को भी गोली मारी गई, जिनकी हालत स्थिर है।
प्रदर्शनकारियों की हिंसा: रेलवे और सार्वजनिक संपत्तियों को नुकसान
हिंसा के दौरान प्रदर्शनकारियों ने पुलिस वाहनों को आग के हवाले कर दिया, सड़कें जाम कर दीं और रेलवे संपत्ति को नुकसान पहुंचाया। न्यू फरक्का-अजीमगंज रेल मार्ग पर सेवाएं छह घंटे तक बाधित रहीं। इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी गई हैं और कई क्षेत्रों में धारा 144 लागू कर दी गई है।
केंद्र सरकार और राज्य प्रशासन की बैठकें
केंद्रीय गृह सचिव गोविंद मोहन ने पश्चिम बंगाल के मुख्य सचिव और डीजीपी से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के ज़रिए बात की और हालात को सामान्य करने के लिए कड़े कदम उठाने के निर्देश दिए।
पुलिस की चेतावनी और कार्रवाई
डीजीपी राजीव कुमार ने कहा, “यह अच्छाई और बुराई की लड़ाई है। कानून को हाथ में लेने वालों को नहीं बख्शा जाएगा। अफवाह फैलाने से बचें, दोषियों पर सख्त कार्रवाई होगी।”
राजनीतिक बयानबाज़ी और टकराव
विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी ने हिंसा की जांच एनआईए को सौंपने की मांग की और इसे पूर्व नियोजित “जिहादी हिंसा” करार दिया। उन्होंने कहा कि सार्वजनिक संपत्ति को जानबूझकर नुकसान पहुंचाया गया और शासन पर हमला किया गया।
बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष सुकांत मजूमदार ने तृणमूल सरकार को दोषी ठहराते हुए कहा कि अगर राज्य में बीजेपी सत्ता में आई तो ऐसी “बर्बरता” को कुचल दिया जाएगा। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि कुछ क्षेत्रों में हिंदुओं को निशाना बनाया जा रहा है।
टीएमसी का जवाब: विपक्ष कर रहा सांप्रदायिक ध्रुवीकरण
तृणमूल कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव अभिषेक बनर्जी ने पलटवार करते हुए कहा कि विपक्ष राजनीतिक फायदे के लिए सांप्रदायिक सद्भाव को बिगाड़ने की कोशिश कर रहा है।