हिन्दुस्तान मिरर न्यूज: मंगलवार 24 जून 2025
नई दिल्ली। दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने ऑपरेशन ट्रैक बैक के तहत चोरी और तस्करी के मोबाइल फोन के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की है। इस अभियान में 265 महंगे मोबाइल फोन बरामद कर उनके असली मालिकों को लौटाए गए। साथ ही, 29 आरोपियों को गिरफ्तार कर 72 चोरी के मामलों को सुलझाया गया।
संयुक्त पुलिस आयुक्त (क्राइम ब्रांच) सुरेंद्र सिंह ने बताया कि सोमवार को दिल्ली पुलिस मुख्यालय में ऑपरेशन ट्रैक बैक कार्यक्रम आयोजित किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता विशेष पुलिस आयुक्त (अपराध) देवेश चंद्र श्रीवास्तव ने की। इसमें अतिरिक्त पुलिस आयुक्त संजय कुमार सैन, मंगेश कश्यप, क्राइम ब्रांच के सभी पुलिस उपायुक्त, सहायक पुलिस अधीक्षक और निरीक्षक मौजूद रहे।
विशेष पुलिस आयुक्त ने इस पहल की सराहना करते हुए कहा कि जघन्य अपराधों को सुलझाने के साथ-साथ इस तरह के प्रयास आम नागरिकों को राहत और खुशी प्रदान करते हैं। उन्होंने क्राइम ब्रांच की टीम को समर्पण के साथ इस अभियान को जारी रखने के लिए प्रोत्साहित किया।
ऑपरेशन ट्रैक बैक: चोरी के मोबाइल फोन की बरामदगी का अभियान
दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने ऑपरेशन ट्रैक बैक शुरू किया है, जिसका उद्देश्य चोरी हुए मोबाइल फोन को बरामद कर उनके मालिकों तक पहुंचाना है। पुलिस के मुताबिक, मोबाइल फोन की चोरी से न केवल आर्थिक नुकसान होता है, बल्कि डेटा सुरक्षा, पहचान की चोरी और गोपनीयता भंग होने का खतरा भी बढ़ता है।
साइबर सेल और अन्य टीमों की बड़ी सफलता
क्राइम ब्रांच की साइबर सेल, ईआर-1, सीआरए एनआर-1, एआरएससी और एसआर सेक्शन की टीमों ने संयुक्त रूप से अंतरराष्ट्रीय मोबाइल चोरी और तस्करी नेटवर्क का पर्दाफाश किया। इंस्पेक्टर गुरमीत सिंह के नेतृत्व में चार महीनों में कई छापेमारी की गई, जिसके परिणामस्वरूप 117 मोबाइल फोन बरामद हुए। सत्यापन के बाद पता चला कि इनमें से 25 फोन ई-एफआईआर और 34 फोन दिल्ली व अन्य राज्यों में दर्ज एनसीआर/लॉस्ट रिपोर्ट से जुड़े थे।
दो प्रमुख आरोपी गिरफ्तार, 40 मोबाइल बरामद
क्राइम ब्रांच की एसआर टीम ने भारत उर्फ रावत और राहुल उर्फ कुणाल नामक दो आरोपियों को गिरफ्तार किया, जिनसे 40 झपटमारी और चोरी के मोबाइल फोन बरामद किए गए।
पहले भी हो चुका है सफल आयोजन
इससे पहले 19 फरवरी 2025 को आयोजित ऑपरेशन ट्रैक बैक कार्यक्रम में 216 चोरी के मोबाइल फोन उनके मालिकों को लौटाए गए थे। दिल्ली पुलिस का यह प्रयास न केवल अपराधियों पर नकेल कसने में प्रभावी है, बल्कि नागरिकों का विश्वास जीतने में भी महत्वपूर्ण साबित हो रहा है।