हिन्दुस्तान मिरर न्यूज:
नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने 8वें वेतन आयोग के टर्म्स ऑफ रेफरेंस (ToR) को मंजूरी दे दी है, जिससे केंद्रीय कर्मचारियों के वेतन ढांचे में बड़े बदलाव का रास्ता साफ हो गया है। सरकार ने आयोग को अपनी रिपोर्ट सौंपने के लिए 18 महीने की समय-सीमा दी है। इस दौरान 7वें वेतन आयोग के तहत महंगाई भत्ता (DA) और अन्य भत्तों में बढ़ोतरी की प्रक्रिया जारी रहेगी। विशेषज्ञों के अनुसार जनवरी 2026 से कर्मचारियों को पिछले डीए का एरियर भी प्रदान किया जा सकता है।
डीए में तीन बार बढ़ोतरी का अनुमान
वर्तमान में जुलाई 2025 में डीए 58% है। चूंकि डीए हर छह महीने में संशोधित होता है, इसलिए अगले 18 महीनों में यानी 2025-26 के दौरान तीन बार इसे बढ़ाए जाने की उम्मीद है। यदि हर संशोधन में औसतन 3% की वृद्धि मानी जाए, तो डीए क्रमशः 61%, 64% और 67% तक पहुँच सकता है। इससे कर्मचारियों की नेट सैलरी में अतिरिक्त सुधार देखने को मिलेगा।
फिटमेंट फैक्टर बढ़ने की संभावना
ऑल इंडिया एनपीएस एम्प्लाइज फेडरेशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष मनजीत सिंह पटेल के अनुसार, 8वें वेतन आयोग से पहले नियमित डीए वृद्धि और दो सालाना इन्क्रीमेंट के कारण कर्मचारियों के बेसिक वेतन में लगभग 20% तक इजाफा संभव है। साथ ही, परिवार इकाई को 3 से बढ़ाकर 3.5 करने की सिफारिश से बेसिक वेतन पर अतिरिक्त 20% प्रभाव पड़ेगा। इन दोनों महत्वपूर्ण प्रभावों को मिलाकर फिटमेंट फैक्टर 1.58 से बढ़कर लगभग 1.98 तक पहुँच सकता है। इसके बाद सरकार आमतौर पर लगभग 15% इन्फ्लेशन ग्रोथ जोड़ती है, जिससे फिटमेंट फैक्टर लगभग 2.13 तक पहुँचने का अनुमान है।
कर्मचारियों के लिए क्यों महत्वपूर्ण है यह अवधि?
विशेषज्ञों का मानना है कि वेतन पुनरीक्षण लागू होने से पहले यह अवधि कर्मचारियों के लिए बेहद लाभकारी साबित हो सकती है। लगातार बढ़ता डीए, फिटमेंट फैक्टर और संभावित एरियर उनके मासिक वेतन और पेंशन पर दीर्घकालिक आर्थिक लाभ उपलब्ध करा सकता है। केंद्र सरकार के करीब 47 लाख कर्मचारी और 69 लाख पेंशनभोगी इस परिवर्तन से प्रभावित होने वाले हैं।













