हिन्दुस्तान मिरर न्यूज़: 20 अप्रैल: 2025,
सात लाख से अधिक मुकदमों में केंद्र सरकार पक्षकार
केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल के अनुसार, वर्तमान में केंद्र सरकार देश की अदालतों में लगभग 7 लाख मामलों में पक्षकार है। अकेले वित्त मंत्रालय ही 1.9 लाख से अधिक मामलों में शामिल है। यह जानकारी फरवरी माह में राज्यसभा में दी गई थी।
मुकदमों की वजह: फैसलों का ठीक से लागू न होना
कानून मंत्रालय का मानना है कि अक्सर सरकार जनहित में निर्णय तो लेती है, लेकिन उन फैसलों को लागू करने में लापरवाही या आदेशों में अस्पष्टता लोगों को भ्रमित कर देती है। इससे कई बार लाभार्थियों को उनका हक नहीं मिलता, जबकि कुछ मामलों में अयोग्य व्यक्तियों को लाभ पहुंच जाता है। यह स्थिति आम लोगों को अदालत का सहारा लेने के लिए मजबूर कर देती है।
कानून मंत्रालय का नया निर्देश: मुकदमों की संख्या घटाने पर फोकस
इन बढ़ती समस्याओं को ध्यान में रखते हुए कानून मंत्रालय के विधिक कार्य विभाग ने सभी मंत्रालयों और विभागों को विशेष निर्देश जारी किए हैं। इन निर्देशों का उद्देश्य सरकार से जुड़े मुकदमों की संख्या को प्रभावी रूप से घटाना है। प्रमुख बिंदु इस प्रकार हैं:
- बिना ठोस कारण के अपीलों पर रोक
- नोटिफिकेशन और सरकारी आदेशों की विसंगतियों को दूर करना
- कानूनी प्रक्रिया को सरल और पारदर्शी बनाना
- हर मंत्रालय के लिए इन दिशा-निर्देशों का पालन अनिवार्य
सरकार की सोच: ‘मुकदमे नहीं, समाधान जरूरी’
कानून मंत्रालय का कहना है कि सरकार की प्राथमिकता जन कल्याण और सुशासन है। जब फैसलों को ठीक तरह से लागू नहीं किया जाता, तो इसका सीधा असर आम जनता पर पड़ता है। इससे सरकार पर मुकदमों का बोझ भी बढ़ता है। मंत्रालय चाहता है कि इन नए कदमों से न केवल मुकदमों की संख्या घटे, बल्कि शासन व्यवस्था भी अधिक उत्तरदायी और प्रभावी बने।