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124वें संस्करण में युवाओं के नवाचार, अंतरिक्ष मिशनों और ओलंपियाड विजेताओं की हुई सराहना
नई दिल्ली, 27 जुलाई 2025 — प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को अपने मासिक रेडियो कार्यक्रम ‘मन की बात’ के 124वें संस्करण में देशवासियों को संबोधित किया। इस अवसर पर उन्होंने विज्ञान, खेल, संस्कृति और युवाओं के नवाचारों को लेकर भारत की हालिया उपलब्धियों का उल्लेख करते हुए गर्व जताया। उन्होंने कहा कि “मन की बात में एक बार फिर बात होगी देश की सफलताओं की, देशवासियों की उपलब्धियों की।”
प्रधानमंत्री ने अंतरिक्ष मिशन और उससे जुड़े लोगों की विशेष सराहना की। उन्होंने हाल ही में अंतरिक्ष से लौटे शुभांशु शुक्ला का ज़िक्र करते हुए कहा, “जैसे ही शुभांशु धरती पर उतरे, तो पूरा देश खुशी और गर्व से भर गया।” प्रधानमंत्री ने चंद्रयान-3 की सफलता को याद करते हुए कहा कि “उस मिशन के बाद विज्ञान को लेकर बच्चों में एक नया उत्साह देखने को मिला है। अब छोटे-छोटे बच्चे भी अंतरिक्ष विज्ञान में रुचि लेने लगे हैं।”
उन्होंने ‘इंस्पायर मानक अभियान’ का उल्लेख करते हुए बताया कि यह बच्चों के भीतर नवाचार की भावना को बढ़ावा देने वाला कार्यक्रम है, जिसमें हर स्कूल से पाँच बच्चों का चयन किया जाता है जो अपने नए आइडिया के साथ आते हैं। प्रधानमंत्री ने बताया कि चंद्रयान-3 के बाद इस अभियान से जुड़ने वाले बच्चों की संख्या दोगुनी हो चुकी है, जिससे यह साबित होता है कि विज्ञान के प्रति बच्चों का रुझान बढ़ रहा है।
प्रधानमंत्री मोदी ने स्पेस स्टार्टअप सेक्टर की भी चर्चा की। उन्होंने बताया कि “पांच साल पहले जहां देश में 50 से भी कम स्पेस स्टार्टअप थे, वहीं आज इनकी संख्या 200 से अधिक हो चुकी है।” उन्होंने युवाओं को 23 अगस्त को मनाए जाने वाले ‘नेशनल स्पेस डे’ को लेकर सुझाव देने को कहा और आग्रह किया कि लोग अपने विचार नमो ऐप पर साझा करें।
प्रधानमंत्री ने विज्ञान और गणित के क्षेत्र में भारत की वैश्विक पहचान पर भी प्रकाश डाला। उन्होंने इंटरनेशनल केमिस्ट्री ओलंपियाड में देवेश पंकज, संदीप कुची, देबदत्त प्रियदर्शी और उज्जवल केसरी द्वारा पदक जीतने की सराहना की। साथ ही इंटरनेशनल मेथमेटिकल ओलंपियाड में भारत के छात्रों द्वारा तीन स्वर्ण, दो रजत और एक कांस्य पदक जीतने पर प्रसन्नता व्यक्त की।
उन्होंने यह भी बताया कि अगले महीने मुंबई में एस्ट्रोनॉमी और एस्ट्रोफिजिक्स ओलंपियाड का आयोजन होने जा रहा है, जो अब तक का सबसे बड़ा ओलंपियाड होगा। मोदी ने कहा, “भारत अब ओलंपिक और ओलंपियाड, दोनों के लिए आगे बढ़ रहा है।”
अपने संबोधन के अंत में प्रधानमंत्री मोदी ने युवाओं से विज्ञान, नवाचार और राष्ट्र निर्माण में सक्रिय योगदान देने की अपील की और कहा कि “21वीं सदी भारत की है, और इसका रास्ता विज्ञान, तकनीक और नवाचार से होकर जाता है।”