हिन्दुस्तान मिरर न्यूज
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 6 अगस्त को राजधानी दिल्ली के कर्तव्य पथ पर बनाए गए अत्याधुनिक कर्तव्य भवन-3 का उद्घाटन किया। यह भवन सेंट्रल विस्टा परियोजना के अंतर्गत तैयार हुआ है, जिसका उद्देश्य केंद्र सरकार के सभी मंत्रालयों और विभागों को एकीकृत और आधुनिक परिसर में लाना है। यह उद्घाटन समारोह दोपहर 12:15 बजे आयोजित हुआ, जिसके बाद शाम 6:30 बजे प्रधानमंत्री ने एक सार्वजनिक सभा को संबोधित किया।
सेंट्रल विस्टा परियोजना के तहत नई पहल
कर्तव्य भवन-3, सेंट्रल विस्टा परियोजना के तहत बनने वाले कुल 10 भवनों में से पहला पूर्ण निर्माण है। इन भवनों का उद्देश्य पुरानी इमारतों जैसे शास्त्री भवन, कृषि भवन, निर्माण भवन आदि में चल रहे मंत्रालयों को एक जगह लाना है। इन पुराने भवनों की उम्र 75 वर्ष से अधिक हो चुकी है और इनका रखरखाव खर्चीला हो गया है।
भवन की विशेषताएं और आधुनिक सुविधाएं
कर्तव्य भवन-3 लगभग 1.5 लाख वर्ग मीटर क्षेत्रफल में फैला है। इसमें दो बेसमेंट और सात मंजिलें (भूतल सहित) हैं। प्रमुख सुविधाएं निम्नलिखित हैं:
- पार्किंग क्षमता: 600 कारों की
- सुविधाएं: योगा कक्ष, क्रेच, मेडिकल रूम, कैफे और मल्टीपरपज हॉल
- कांफ्रेंस हॉल: 24 मुख्य (45 व्यक्तियों की क्षमता), 26 छोटे (25 व्यक्तियों की क्षमता)
- वर्क हॉल: 67 मीटिंग रूम, प्रत्येक में 9 लोगों की बैठने की क्षमता
- लिफ्ट्स: 27, साथ ही स्वचालित सीढ़ियां और सेंट्रलाइज्ड एसी सिस्टम
यह भवन गृह मंत्रालय, विदेश मंत्रालय, ग्रामीण विकास मंत्रालय, एमएसएमई मंत्रालय, कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग, पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय एवं प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार के कार्यालयों के लिए तैयार किया गया है।
पर्यावरण के अनुकूल निर्माण
कर्तव्य भवन-3 30% कम ऊर्जा खपत करने वाला भवन है। इसमें निम्नलिखित सुविधाएं शामिल हैं:
- एलईडी लाइटें और स्मार्ट सेंसर
- सोलर पैनल और सौर जल हीटर
- ई-वाहन चार्जिंग स्टेशन
- अपशिष्ट जल पुनर्चक्रण प्रणाली
- ठोस कचरा प्रबंधन
- ध्वनि और ताप नियंत्रित खिड़कियां
यह भवन आधुनिक तकनीक, सुरक्षा और टिकाऊ निर्माण का बेहतरीन उदाहरण है।
नॉर्थ-साउथ ब्लॉक का भविष्य
कर्तव्य भवनों के पूर्ण निर्माण के बाद नॉर्थ और साउथ ब्लॉक को पूरी तरह खाली कर दिया जाएगा। इन इमारतों में “युगे-युगीन भारत संग्रहालय” बनाया जाएगा, जिसमें महाभारत काल से लेकर आधुनिक भारत तक की कला, संस्कृति और इतिहास प्रदर्शित किया जाएगा।
परियोजना की लागत और समयसीमा
- कुल प्रस्तावित भवन: 10
- अगले निर्माण: कर्तव्य भवन-1 और 2 सितंबर तक तैयार होंगे
- शेष सात भवन: अप्रैल 2027 तक
- कुल अनुमानित लागत: लगभग ₹1000 करोड़
- संपूर्ण सेंट्रल विस्टा परियोजना की अंतिम समयसीमा: दिसंबर 2031
किराया खर्च में होगी बड़ी बचत
नए भवनों के निर्माण से सरकार को प्रतिवर्ष ₹1500 करोड़ के किराया खर्च की बचत होगी। वर्तमान में कई मंत्रालय किराए की इमारतों में भी कार्य कर रहे हैं, जिन्हें अब चरणबद्ध रूप से कर्तव्य भवनों में स्थानांतरित किया जाएगा।
मेट्रो कनेक्टिविटी और निगरानी
इन भवनों को दिल्ली मेट्रो से जोड़ने के लिए इंद्रप्रस्थ मेट्रो स्टेशन से नई मेट्रो लाइन प्रस्तावित है। साथ ही पूरे भवन की निगरानी के लिए कमांड और कंट्रोल सेंटर भी स्थापित किया गया है, जो सुरक्षा और संचालन की दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण होगा।