अलीगढ़, 1 नवम्बर 2025 — अपर जिलाधिकारी (प्रशासन) अलीगढ़ न्यायालय ने उ.प्र. गुण्डा नियंत्रण अधिनियम 1970 की धारा 3(4) के अंतर्गत अनिल चौधरी पुत्र करन सिंह, निवासी धारा की गढ़ी, थाना गोण्डा, अलीगढ़ को छह माह के लिए जिला बदर करने का आदेश दिया है।
थाना गोण्डा प्रभारी निरीक्षक द्वारा दी गई रिपोर्ट और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक की संस्तुति में बताया गया कि अनिल चौधरी एक दुस्साहसिक, आपराधिक प्रवृत्ति का व्यक्ति है, जिसके भय से लोग साक्ष्य देने से कतराते हैं। उसके विरुद्ध वर्ष 2021 में कई गंभीर मुकदमे दर्ज हुए — जिनमें धारा 420 भादवि, आबकारी अधिनियम की धारा 60(1), गैंगस्टर एक्ट, तथा धारा 272, 273, 467, 468, 471, 304 भादवि सहित अन्य धाराएँ शामिल हैं।
अदालत ने पाया कि एक ही वर्ष में बार-बार अपराध करने से वह “अपराध का अभ्यस्त” है। साथ ही बीट रिपोर्टों में भी उसके आतंक और दबंगई की पुष्टि हुई। अभियोजन पक्ष के अनुसार, उसका समाज में रहना जनहित के प्रतिकूल है।
अनिल चौधरी ने अपने जवाब में आरोपों को राजनीतिक प्रेरित और झूठा बताया तथा पूर्व कार्यवाही में बरी होने और उच्च न्यायालय से जमानत आदेश का हवाला दिया। परंतु न्यायालय ने कहा कि पूर्व मामले अलग तथ्य वाले थे और वर्तमान वादों में वह गुण्डा की परिभाषा में आता है।
अतः आदेशानुसार, अनिल चौधरी को तामील की तिथि से छह माह तक जनपद अलीगढ़ की सीमा से बाहर रहने और थाना छाता, जनपद मथुरा में अपनी उपस्थिति दर्ज कराने का निर्देश दिया गया है। आदेश का उल्लंघन करने पर उसके विरुद्ध धारा 10 गुण्डा अधिनियम के तहत कार्रवाई होगी।
















