हिन्दुस्तान मिरर न्यूज़: 3 मई : 2025,
मध्यांचल विद्युत वितरण निगम में जूनियर इंजीनियर और तकनीकी कर्मचारियों की सबसे अधिक संख्या पंजीकरण से बाहर; संविदाकर्मियों को दी गई फिलहाल राहत
लखनऊ:
मध्यांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड (MVVNL) में फेशियल अटेंडेंस सिस्टम लागू किए जाने को लेकर बड़ा विवाद सामने आया है। निगम की एमडी रिया केजरीवाल द्वारा जारी आदेश के अनुसार, 30 अप्रैल 2025 तक फेशियल अटेंडेंस पंजीकरण न कराने वाले लगभग 1800 नियमित इंजीनियरों और तकनीकी कर्मचारियों का अप्रैल माह का वेतन रोक दिया गया है।
19 जिलों के कर्मचारी प्रभावित
लखनऊ समेत रायबरेली, उन्नाव, हरदोई, सीतापुर, लखीमपुर, बाराबंकी, अयोध्या, बहराइच, गोंडा, श्रावस्ती, बलरामपुर, अंबेडकरनगर, सुल्तानपुर, अमेठी, बरेली, शाहजहांपुर, बदायूं और पीलीभीत जिलों के विभिन्न कार्यालयों और उपकेंद्रों में कुल 7779 नियमित कर्मचारी कार्यरत हैं, जिनमें से कई ने अब तक पंजीकरण नहीं कराया है।
संविधानिक चेतावनी के बाद भी आदेश का विरोध
फेशियल अटेंडेंस के खिलाफ सबसे अधिक विरोध जूनियर इंजीनियर संगठन की ओर से देखने को मिला है। लखनऊ के जेई सबसे आगे हैं जिन्होंने आदेश का पालन करने से इनकार कर दिया। संगठन का कहना है कि यह प्रणाली कर्मचारियों की निजता का उल्लंघन करती है और तकनीकी रूप से अव्यवहारिक भी है।
संविदा कर्मियों को फिलहाल राहत, लेकिन चेतावनी जारी
हालांकि, संविदाकर्मियों का अप्रैल माह का वेतन नहीं रोका गया है, लेकिन विभाग ने स्पष्ट कर दिया है कि यदि मई में पंजीकरण नहीं कराया गया तो जून का वेतन रोका जाएगा।
गोमतीनगर सर्किल के अधिकारी आशीष सिन्हा ने बताया कि कुछ उपकेंद्रों पर संविदा एजेंसी की लापरवाही के चलते पंजीकरण नहीं हो पाया। खासकर गोमतीनगर जोन में कई संविदाकर्मी इस तकनीकी खामी के कारण छूट गए।
वेतन ट्रांसफर के बावजूद रोक की कार्यवाही जारी
कुछ कर्मचारियों के खातों में वेतन ट्रांसफर हो चुका है, लेकिन निगम यह सुनिश्चित कर रहा है कि वे इसे निकाल न पाएं। इसके लिए संबंधित बैंकों से वेतन होल्ड करने की प्रक्रिया भी शुरू की गई है।
कारण बताओ नोटिस की तैयारी
विभाग की ओर से ऐसे सभी नियमित कर्मियों को कारण बताओ नोटिस जारी किए जाने की भी संभावना जताई जा रही है, जिन्होंने बार-बार चेतावनी के बावजूद फेशियल अटेंडेंस पंजीकरण नहीं कराया।