हिन्दुस्तान मिरर न्यूज़: 9 अप्रैल: 2025:हाथरस,
हाथरस: उत्तर प्रदेश में एक और एक्सप्रेसवे परियोजना की शुरुआत होने जा रही है। अलीगढ़ से आगरा के बीच वाया हाथरस 64.90 किमी लंबा ग्रीन एक्सप्रेसवे भारतमाला परियोजना के तहत तैयार किया जाएगा। इस हाई-स्पीड चार लेन के एक्सप्रेसवे से नोएडा, जेवर एयरपोर्ट और अन्य शहरों तक कनेक्टिविटी बेहतर होगी।
48 गांवों की भूमि अधिग्रहित, किसानों को मिला मुआवजा
इस परियोजना के लिए हाथरस जिले के 48 गांवों की 322 हेक्टेयर भूमि का अधिग्रहण किया जा चुका है। प्रशासन ने करीब 400 किसानों को 600 करोड़ रुपये का मुआवजा भी प्रदान किया है।
निर्माण जून 2025 से होगा शुरू, 2027 तक होगा पूरा
नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (NHAI) के अनुसार, एक्सप्रेसवे का निर्माण कार्य जून 2025 से शुरू होगा और इसके 2027 तक पूरा होने की उम्मीद है।
दो चरणों में होगा निर्माण
- पहला चरण: NH-509 से हाथरस के असरोई गांव तक 28 किमी लंबी सड़क बनाई जाएगी। इसके लिए 716.5 करोड़ रुपये का बजट निर्धारित किया गया है।
- दूसरा चरण: खंदौली से असरोई तक 36.9 किमी लंबा रास्ता JSP प्रोजेक्ट प्राइवेट लिमिटेड, गाज़ियाबाद द्वारा बनाया जाएगा।
सुविधाओं से लैस होगा एक्सप्रेसवे
इस ग्रीन एक्सप्रेसवे पर आधुनिक सुविधाओं का निर्माण किया जाएगा:
- 1 रेलवे ओवरब्रिज
- 3 फ्लाईओवर
- 32 अंडरपास
- 16 पुल
वाहनों के लिए अलग अंडरपास की व्यवस्था से ट्रैफिक नियंत्रण और प्रबंधन आसान होगा।
सफर होगा तेज, व्यापार को मिलेगी रफ्तार
फिलहाल खंदौली से अलीगढ़ पहुंचने में करीब 2 घंटे लगते हैं, लेकिन एक्सप्रेसवे बनने के बाद यह दूरी मात्र 1 घंटे में पूरी की जा सकेगी। यह खासकर व्यापारियों, नौकरीपेशा लोगों और दैनिक यात्रियों के लिए बड़ी राहत लेकर आएगा।
जेवर एयरपोर्ट और नोएडा तक सीधी कनेक्टिविटी
एक्सप्रेसवे के माध्यम से हाथरस से नोएडा और जेवर एयरपोर्ट तक सीधा रास्ता मिलेगा। ग्रीन एक्सप्रेसवे यमुना एक्सप्रेसवे से जुड़कर सफर को तेज और सुगम बनाएगा।
ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मिलेगा बढ़ावा
इस परियोजना से न सिर्फ क्षेत्रीय कनेक्टिविटी मजबूत होगी, बल्कि स्थानीय रोजगार, परिवहन और व्यापार को भी नई गति मिलेगी। इससे ग्रामीण क्षेत्रों का समग्र विकास सुनिश्चित होगा।
पर्यावरण संरक्षण के साथ होगा निर्माण
यह ग्रीन एक्सप्रेसवे हरियाली से छेड़छाड़ किए बिना बनाया जाएगा, जिससे पर्यावरण का संतुलन बना रहेगा।