अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने धुर-दक्षिणपंथी इन्फ्लुएंसर और अपने करीबी सहयोगी चार्ली कर्क की हत्या के कुछ दिनों बाद, 18 सितंबर को वामपंथी उग्रवादी समूहों के नेटवर्क एंटीफा (Antifa) को ‘प्रमुख आतंकवादी संगठन’ घोषित कर दिया। यूनाइटेड किंगडम की राजकीय यात्रा के दौरान ट्रंप ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्रुथ सोशल पर यह घोषणा की।
ट्रंप ने लिखा कि एंटीफा “बीमार, खतरनाक और कट्टरपंथी वामपंथी आपदा” है और इसके समर्थकों व फंडिंग करने वालों की गहन जांच की जाएगी। उन्होंने चेतावनी दी कि इस नेटवर्क को आर्थिक या अन्य किसी भी तरह से समर्थन देने वालों पर उच्चतम कानूनी मानकों के तहत कार्रवाई की जाएगी।
क्या है एंटीफा?
एंटीफा का फुलफॉर्म “Anti-Fascist” यानी फासीवाद-विरोधी है। यह कोई एकल संगठन नहीं, बल्कि वामपंथी झुकाव वाले कई ढीले-ढाले समूहों का नेटवर्क है। इसका उद्देश्य फासीवादी विचारधारा, नव-नाजी और दक्षिणपंथी उग्रवाद का विरोध करना है। यह अक्सर प्रदर्शनों और रैलियों में सक्रिय नजर आता है।
2020 में भी उठा था विवाद
जॉर्ज फ्लॉयड की हत्या के बाद हुए प्रदर्शनों के दौरान भी ट्रंप ने एंटीफा को आतंकी संगठन घोषित करने की बात कही थी। हालांकि, उस समय FBI डायरेक्टर क्रिस्टोफर रे ने गवाही में कहा था कि एंटीफा कोई औपचारिक संगठन नहीं, बल्कि एक विचारधारा है। इसकी कोई संरचित कमान या नेतृत्व नहीं है, जिससे इसे कानूनी रूप से आतंकवादी संगठन घोषित करना कठिन हो जाता है।
कानूनी पेच
विशेषज्ञों के अनुसार, एंटीफा एक घरेलू एंटिटी है, इसलिए इसे अमेरिकी विदेश विभाग की विदेशी आतंकवादी संगठनों की सूची में शामिल नहीं किया जा सकता। उस सूची में आईएसआईएस और अल-कायदा जैसे संगठन हैं। विदेशी संगठनों को सूचीबद्ध करने से न्याय विभाग को उनके समर्थकों पर कठोर कार्रवाई का अधिकार मिलता है, लेकिन घरेलू समूहों पर वही नियम लागू नहीं होते।
ट्रंप ने हाल ही में कहा था कि यदि अटॉर्नी जनरल पाम बॉन्डी और कैबिनेट का समर्थन मिलता है, तो वह एंटीफा को घरेलू आतंकी संगठन घोषित करेंगे।