हिन्दुस्तान मिरर न्यूज़ ✑19 मई : 2025
लखनऊ। उत्तर प्रदेश में 2027 के विधानसभा चुनावों की हलचल अभी से तेज़ होती जा रही है। भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने एक बार फिर सत्ता में वापसी का लक्ष्य तय करते हुए अपनी रणनीति पर काम शुरू कर दिया है। पार्टी इस बार चुनावी मैदान में मजबूत और जिताऊ उम्मीदवारों को उतारने के लिए पूरी तैयारी में जुट गई है। इसके तहत बीजेपी प्रदेश की सभी 403 विधानसभा सीटों पर विधायकों और नेताओं का ऑडिट कराने जा रही है, ताकि जनप्रतिनिधियों का रिपोर्ट कार्ड तैयार किया जा सके और उसी के आधार पर टिकट वितरण किया जा सके।
पार्टी सूत्रों के मुताबिक, बीजेपी इस बार किसी भी प्रकार की ढिलाई नहीं बरतना चाहती। इसलिए मौजूदा विधायकों के कामकाज, जनसंवेदनशीलता, संगठनात्मक सक्रियता और क्षेत्र में उनकी छवि का गहन मूल्यांकन कराया जाएगा। यह ऑडिट गोपनीय रूप से किया जा रहा है और इसकी जिम्मेदारी सरकार के कुछ विशेष समूहों को सौंपी गई है।
इस ऑडिट के आधार पर विधायकों को तीन श्रेणियों — A, B और C — में वर्गीकृत किया जाएगा:
- A श्रेणी: जो विधायक जनता के बीच लोकप्रिय हैं, जिनका कामकाज प्रभावी रहा है और जिनकी जीत की संभावना मजबूत है।
- B श्रेणी: जिनका प्रदर्शन औसत रहा है लेकिन थोड़ा और प्रयास करके उन्हें मज़बूत बनाया जा सकता है।
- C श्रेणी: ऐसे विधायक जिनका जनाधार कमजोर है, जिनकी छवि या प्रदर्शन पार्टी की अपेक्षाओं पर खरे नहीं उतरे हैं। इनकी टिकट पर पुनर्विचार की संभावना है।
ऑडिट में खासतौर पर इन बिंदुओं का मूल्यांकन किया जाएगा:
- विधायक ने अपनी निधि से कितना विकास कार्य कराया?
- क्षेत्र में उनकी उपलब्धता और जनता से संवाद कैसा रहा?
- जनसमस्याओं के समाधान में सक्रियता कितनी रही?
- क्या विधायक ने पार्टी के दिशा-निर्देशों का पालन किया?
- क्षेत्र में उनकी सार्वजनिक छवि कितनी सकारात्मक है?
सिर्फ पार्टी विधायकों के कार्यों का ही नहीं, बल्कि सीटों पर मौजूद जातीय और सामाजिक समीकरणों, विपक्षी दलों के संभावित उम्मीदवारों की ताकत और चुनावी गणित का भी पूरा अध्ययन किया जा रहा है। पार्टी किसी भी तरह का जोखिम नहीं उठाना चाहती और वही उम्मीदवार मैदान में उतरेंगे जिनके जीतने की संभावना सबसे अधिक होगी।
बीजेपी 2017 और 2022 के बाद तीसरी बार सरकार बनाने का सपना देख रही है। ऐसे में पार्टी के लिए जरूरी हो गया है कि वह जमीनी स्तर पर मजबूत और जनता के बीच विश्वसनीय चेहरों को आगे लाए। पार्टी के वरिष्ठ नेताओं का मानना है कि इस बार का चुनाव पहले से कहीं ज्यादा चुनौतीपूर्ण होगा, क्योंकि विपक्ष भी पूरी ताकत के साथ चुनावी तैयारी में जुट चुका है।