हिन्दुस्तान मिरर न्यूज़: 24 अप्रैल: 2025,
नई नीति से चमड़े और फुटवियर उद्योग को मिलेगी नई उड़ान
उत्तर प्रदेश सरकार ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में राज्य के लेदर और फुटवियर उद्योग को नई ऊंचाइयों पर ले जाने के लिए ‘उत्तर प्रदेश लेदर एंड फुटवियर पॉलिसी-2025’ का ड्राफ्ट तैयार कर लिया है। जल्द ही इसे कैबिनेट से मंजूरी मिलने की संभावना है। इस नीति का उद्देश्य उद्योग को प्रोत्साहन देना, रोजगार के अवसर बढ़ाना और निर्यात में भारी बढ़ोतरी लाना है।
बड़ी निवेश योजनाओं पर आकर्षक सब्सिडी और छूट
नई नीति के तहत:
- 25 से 100 एकड़ जमीन पर लेदर पार्क स्थापित करने वाले निवेशकों को 45 करोड़ रुपये तक की सब्सिडी दी जाएगी।
- 100 एकड़ से अधिक भूमि पर प्रोजेक्ट लगाने पर 80 करोड़ रुपये तक की सहायता मिलेगी।
- जमीन की खरीद पर 100% स्टांप ड्यूटी छूट भी दी जाएगी।
शर्तों के अनुसार, पार्क को 5 वर्षों के भीतर तैयार करना होगा और 25% क्षेत्रफल हरियाली व मूलभूत सुविधाओं के लिए सुरक्षित रखना अनिवार्य होगा।
‘उद्यम प्रदेश’ की ओर एक और कदम: लाखों को मिलेगा रोजगार
राज्य सरकार का लक्ष्य है कि हर 1 करोड़ रुपये के निवेश पर 20 लोगों को रोजगार दिया जा सके। विभिन्न श्रेणियों में निवेश की रूपरेखा इस प्रकार है:
- स्टैंडअलोन यूनिट्स, मशीनरी निर्माण, मेगा प्रोजेक्ट्स: ₹50-150 करोड़ निवेश
- बड़े क्लस्टर व पार्क्स: ₹150-200 करोड़ निवेश
एक यूनिट से 1000 से 3000 तक रोजगार के अवसर उत्पन्न होने की उम्मीद है।
कानपुर, आगरा और उन्नाव को मिलेगा विशेष बढ़ावा
उत्तर प्रदेश का लेदर और फुटवियर उद्योग पहले से ही राष्ट्रीय पहचान रखता है:
- आगरा – फुटवियर कैपिटल
- कानपुर – सेफ्टी शू और लेदर एक्सेसरीज हब
- उन्नाव – टेनरी बेल्ट, जहां पहले से ही 200 से ज्यादा टेनरियां कार्यरत हैं।
नई नीति से लखनऊ और बरेली जैसे उभरते क्षेत्रों को भी उद्योगिक लाभ मिलेगा।
तमिलनाडु के बाद यूपी बना दूसरा राज्य
देश में तमिलनाडु के बाद उत्तर प्रदेश दूसरा राज्य बन गया है जिसकी अपनी लेदर-फुटवियर नीति है। इससे न केवल उद्योगपतियों को आकर्षण मिलेगा, बल्कि यूपी को ‘वन ट्रिलियन डॉलर इकॉनमी’ बनाने के विजन में भी सहयोग मिलेगा।
उद्योग के लिए हर संभव सहयोग देगी सरकार
सिर्फ वित्तीय सब्सिडी ही नहीं, बल्कि सरकार द्वारा बिजली, पानी, सड़क और अन्य आधारभूत सुविधाएं भी उपलब्ध कराई जाएंगी। यह नीति प्रदेश में एक नवीन औद्योगिक माहौल तैयार करेगी, जिससे घरेलू और विदेशी निवेश को बल मिलेगा।