हिन्दुस्तान मिरर न्यूज़: 25 अप्रैल: 2025,
जम्मू-कश्मीर के हितों की अनदेखी का आरोप
श्रीनगर: सिंधु जल संधि को निलंबित करने के केंद्र सरकार के फैसले पर जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर की सरकार इस संधि के पक्ष में कभी नहीं रही है। उमर ने इस ऐतिहासिक संधि को राज्य के लोगों के लिए ‘अनुचित दस्तावेज’ करार दिया।
उमर अब्दुल्ला ने कहा,
“भारत सरकार ने कुछ कदम उठाए हैं और जहां तक जम्मू-कश्मीर का सवाल है, हम कभी भी सिंधु जल संधि के पक्ष में नहीं रहे हैं। हमारा हमेशा से मानना रहा है कि यह संधि जम्मू-कश्मीर के लोगों के लिए सबसे अनुचित दस्तावेज है।”
उन्होंने आगे कहा कि इस मुद्दे पर हुई बैठक में रखे गए सभी बिंदुओं पर उनकी सरकार काम कर रही है और राज्य के हितों की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध है।
गृह मंत्री से सुरक्षा को लेकर बातचीत
बैठक के दौरान उमर अब्दुल्ला ने केंद्रीय गृह मंत्री से जम्मू-कश्मीर के बाहर रहने वाले लोगों की सुरक्षा को लेकर बात की। उन्होंने बताया कि गृह मंत्री ने उन्हें आश्वासन दिया है कि कश्मीरियों की सुरक्षा के लिए सभी आवश्यक कदम उठाए जाएंगे।
“गृह मंत्रालय द्वारा एक एडवाइजरी जारी की जाएगी और केंद्रीय मंत्री ने कई राज्यों के मुख्यमंत्रियों से भी बात की है।”
पहलागाम हमले के बाद कश्मीरियों को परेशान किए जाने की घटनाएं
उमर अब्दुल्ला ने कहा कि पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद देश के विभिन्न हिस्सों से कश्मीरियों को परेशान किए जाने की खबरें आ रही हैं। उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा कि उनकी सरकार उन राज्यों की सरकारों के संपर्क में है जहां इस तरह की घटनाएं सामने आई हैं।
“मैं इन राज्यों के अपने समकक्ष मुख्यमंत्रियों के संपर्क में हूं और उनसे अतिरिक्त सतर्कता बरतने का अनुरोध किया है।”
नेशनल कॉन्फ्रेंस ने जताई चिंता, सीएम से मांगा हस्तक्षेप
नेशनल कॉन्फ्रेंस के प्रवक्ता इमरान नबी डार ने सोशल मीडिया पर कुछ वीडियो साझा किए जिनमें कथित तौर पर कश्मीरियों को परेशान किए जाने के दृश्य दिखाए गए हैं। इस पर प्रतिक्रिया देते हुए उमर अब्दुल्ला ने हस्तक्षेप का आश्वासन दिया।