एक्स ने किया सब्सक्रिप्शन शुल्क में भारी कटौती, अब ‘प्रीमियम’ सेवा मिलेगी मात्र ₹470 में
नई दिल्ली, प्रेट्र : इंटरनेट मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ (पूर्व में ट्विटर) ने अपने भारतीय यूजर्स को बड़ी राहत देते हुए ‘प्रीमियम’ और ‘प्रीमियम-प्लस’ सेवाओं के सब्सक्रिप्शन शुल्क में भारी कटौती की है। अब भारतीय यूजर मोबाइल एप के माध्यम से महज ₹470 मासिक शुल्क देकर ‘प्रीमियम’ अकाउंट की सुविधा प्राप्त कर सकते हैं। पहले इसके लिए ₹900 चुकाने पड़ते थे, यानी करीब 48% की कमी की गई है। यह कटौती खासतौर पर भारत जैसे बड़े बाजार में यूजर बेस बढ़ाने की रणनीति का हिस्सा मानी जा रही है।
एक्स ने अपने आधिकारिक पोर्टल पर दी गई जानकारी के अनुसार, मोबाइल एप के माध्यम से ‘प्रीमियम’ अकाउंट का शुल्क ₹900 से घटाकर ₹470 कर दिया गया है। हालांकि, एप स्टोर द्वारा वसूले जाने वाले अतिरिक्त शुल्कों के चलते यह राशि मोबाइल यूजर्स को अधिक लग सकती है। वहीं यदि यूजर सीधे एक्स की वेबसाइट से सदस्यता लेते हैं तो उन्हें और भी कम भुगतान करना पड़ेगा। वेबसाइट पर यह शुल्क ₹650 से घटाकर मात्र ₹427 प्रति माह कर दिया गया है, यानी करीब 34% की बचत।
सामान्य यूजर्स को भी मिलेगा फायदा
केवल प्रीमियम यूजर्स ही नहीं, सामान्य सब्सक्राइबरों के लिए भी सब्सक्रिप्शन शुल्क में कटौती की गई है। मासिक शुल्क ₹243.75 से घटाकर ₹170 कर दिया गया है, जिससे अब और अधिक यूजर प्रीमियम सेवाओं की ओर आकर्षित हो सकें। इसके अलावा, सामान्य यूजर्स के लिए वार्षिक सब्सक्रिप्शन शुल्क भी ₹2,590.48 से घटाकर ₹1,700 कर दिया गया है, यानी लगभग 34% की कटौती। क्या सुविधाएं मिलेंगी प्रीमियम और प्रीमियम-प्लस यूजर्स को?
प्रीमियम और प्रीमियम-प्लस यूजर्स को उनके नाम के बगल में ब्लू चेकमार्क दिया जाता है, जो उनकी प्रोफाइल को सत्यापित और विशिष्ट बनाता है। इसके अलावा, यूजर्स को पोस्ट संपादित करने, लंबी पोस्ट लिखने, बैकग्राउंड वीडियो प्लेबैक और वीडियो डाउनलोड करने जैसी सुविधाएं भी मिलती हैं।
वहीं ‘प्रीमियम-प्लस’ मोबाइल संस्करण की बात करें, तो इसके लिए यूजर्स को ₹3,000 तक का भुगतान करना होगा, जो उन लोगों के लिए है जो अतिरिक्त फीचर्स और विज्ञापन रहित अनुभव चाहते हैं।
एक्स द्वारा की गई यह मूल्य कटौती भारतीय डिजिटल बाजार में प्रतिस्पर्धा को देखते हुए एक बड़ा कदम मानी जा रही है। इससे न केवल मौजूदा यूजर्स को फायदा होगा, बल्कि नए यूजर्स के जुड़ने की संभावनाएं भी काफी बढ़ जाएंगी। कंपनी इस रणनीति के ज़रिए अपनी उपयोगकर्ता संख्या में वृद्धि करना चाहती है, विशेषकर उन देशों में जहां कीमत एक बड़ा कारक है।